– जमीन से मिले अवशेषों की हो रही नंबरिंग
भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court) की इंदौर खंडपीठ (Indore Bench ) के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला (historical Bhojshala of Dhar ) में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग (Archaeological Survey of India (ASI) Department ) का सर्वे (Survey) बुधवार को 27वें दिन भी जारी रहा। दिल्ली और भोपाल के 14 अधिकारियों की टीम 31 श्रमिकों के साथ सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब नौ घंटे काम किया। इस दौरान सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।
भोजशाला में एएसआई की टीम ने 27वें दिन के सर्वे में भीतर और बाहरी क्षेत्र में खुदाई जारी रखी। तीन स्थानों पर खुदाई की गई। गर्भ गृह में टीम ने फोटोग्राफी भी की। वहीं यज्ञकुंड के पास वाले स्थान पर भी एक टीम खुदाई कर रही है। सर्वे में मिले अवशेषों की नंबरिंग शुरू कर दी गई है।
इधर, हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा ने दावा किया है कि भोजशाला के सर्वे के दौरान जो अवशेष मिल रहे हैं, वे यही बताते हैं कि भोजशाला पर आक्रमण हुआ था, जिसके फलस्वरूप यहां व्यापक नुकसान भी हुआ। इन अवशेषों की जांच के बाद पूरा सच सामने आ जाएगा कि यह एक मंदिर ही है। भोजशाला में मौजूदा स्तंभों से लेकर सर्वे में प्राप्त एक पिलर पर स्पष्ट रूप से अंकित हिंदू प्रतीक चिह्न व वास्तु शैली दिखाई दे रही है। अवशेष को जांच के लिए भेजा जा रहा है। खुदाई में मिले छोटे से आकार के पाषाण पर जो भी जो चिह्न हैं, वह हिंदू मंदिरों के समान हैं।
गर्मी से एक अधिकारी की तबीयत बिगड़ी
बुधवार को भोजशाला में सर्वे के दौरान जिला अस्पताल की एक छोटी मेडिकल यूनिट पहुंची। बताया जा रहा है की एएसआई के एक अधिकारी की गर्मी की वजह से घबराहट होने से तबीयत बिगड़ गई थी। उनके उपचार के लिए मेडिकल की टीम भोजशाला परिसर पहुंची थी।
गौरतलब है कि उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने एएसआई को छह सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। गत 22 मार्च से शुरू हुआ भोजशाला के सर्वे को गुरुवार, 18 अप्रैल को चार सप्ताह पूरे हो जाएंगे। अब केवल दो सप्ताह का समय शेष रह गया है। गोपाल शर्मा ने बताया कि अभी सर्वे कार्य 40 प्रतिशत तक हो पाया है। बाहरी परिसर यानी 50 मीटर दायरे की बात करें तो यहां सर्वे अब तक ठीक से नहीं हो पाया है। हिंदू पक्ष ने आवेदन भी दिया है कि वैज्ञानिक रूप से 50 मीटर के दायरे में सर्वे करवाया जाए। फिलहाल तो इस सर्वे के लंबा चलने की संभावना है।
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