धार (Dhar)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court) की इंदौर खंडपीठ (Indore Bench) के आदेश पर धार (Dhar) की ऐतिहासिक भोजशाला (historical Bhojshala) में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग (Archaeological Survey of India (ASI) Department ) का सर्वे (Survey) रविवार को 24वें दिन भी जारी रहा। दिल्ली और भोपाल के 27 अधिकारियों की टीम श्रमिको के साथ सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब नौ घंटे काम किया। इस दौरान सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।
भोजशाला में 24वें दिन के सर्वे में एएसआई की टीम ने मुख्य रूप से परिसर में स्थित मुख्य हवन कुंड में सफाई का कार्य शुरू किया। एक दिन पहले इस स्थान का मापन किया गया था। टीम ने इसमें खुदाई के पूर्व की प्रक्रिया पूरी कर ली है। भोजशाला के भीतरी परिसर में जहां खुदाई चल रही थी, वहां सफाई के बाद अब पत्थर दिखने लगे हैं। पत्थरों पर विभिन्न आकृतियों भी स्पष्ट होने लगी है। टीम इन पत्थरों के बारे में विवरण तैयार करने के साथ इसका दस्तावेजीकरण भी करेगी।
रविवार को भोजशाला के पिछले हिस्से के साथ दाएं और बाएं क्षेत्र में भी कार्य जारी रहा। यहां अब गहरी खुदाई हो रही है। उधर, हिंदू पक्ष ने मांग की है कि भोजशाला परिसर के साथ ही 50 मीटर के दायरे में भी वैज्ञानिक आधार पर ही सर्वे किया जाए। इसके लिए आधुनिक मशीन सहित अन्य वैज्ञानिक प्रक्रिया अपनाई जाए। माना जा रहा है कि जल्द ही इस स्थान पर भी खुदाई शुरू होगी।
सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे हिंदू संगठन के आशीष गोयल और गोपाल शर्मा ने बताया कि हमने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से उच्च न्यायालय के आदेश का संदर्भ देते हुए मांग की है कि 50 मीटर के दायरे में भी वैज्ञानिक रूप से सर्वे किया जाए। जिस तरह से भोजशाला के भीतरी और बाहरी परिसर में सर्वे किया जा रहा है, उसी तरह 50 मीटर के दायरे में भी कार्य किया जाए। जहां आवश्यकता हो, वहां पर मशीनों का इस्तेमाल किया जाए।
हिन्दू पक्ष का दावा- गुंबदों के नीचे हनुमान-शिव मंदिर
सर्वे के दौरान हिन्दू पक्ष ने बड़ा दावा भी किया है। गोपाल शर्मा का कहना है कि कमाल मौलाना दरगाह के नीचे तलघर है। साथ ही दो गुंबदों में से एक के नीचे भगवान हनुमान का मंदिर हैं। दूसरे गुंबद के नीचे दक्षिणेश्वर महादेव शिवलिंग की स्थापना थी। एएसआई की टीम गर्भगृह में भी सर्वे कर रही हैं।
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