जौनपुर: उत्तर प्रदेश की जौनपुर लोकसभा सीट (Jaunpur Lok Sabha seat of Uttar Pradesh) पर उम्मीदवारों को लेकर सियासत गरम हो गई है. ‘बाहुबली’ धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला के चुनावी रेस से बाहर होने के बाद सीट पर सियासी समीकरण पूरी तरह से बदल गए हैं. अभी तक कहा जा रहा था कि श्रीकला ने बसपा से मिले टिकट को लौटा दिया है, लेकिन अब धनंजय सिंह का बड़ा बयान सामने आया है. धनंजय सिंह ने आरोप लगाया है कि उनकी ओर से टिकट वापस नहीं किया गया है बल्कि उनकी पत्नी का टिकट काटा गया है.
पूर्व सांसद धनंजय सिंह (Former MP Dhananjay Singh) ने आरोप लगाया कि हमारी ओर से बसपा का टिकट वापस नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि बसपा और कई उम्मीदवारों का टिकट काट चुकी है, लेकिन चर्चा और सफाई केवल जौनपुर पर क्यों हो रही है. मैं किसी के दबाव में नहीं आया हूं. मेरी और बसपा सुप्रीमो मायावती से आखिरी बार 2013 में बातचीत हुई थी. हमारी ओर से टिकट वापस करने का पेशकश नहीं की गई है.
पत्नी श्रीकला के चुनाव मैदान से दूर होने के बाद जब धनंजय सिंह से पूछा गया कि अब उनके समर्थक क्या किसे वोट करेंगे? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मेरे समर्थक और मेरे वोटर किधर जाएंगे यह उनसे बात करने के बाद ही पता चलेगा. पूर्व सांसद ने कहा कि अगर मैं चुनाव लड़ता तो निर्दलीय ही लड़ता, लेकिन यह मेरी पत्नी को तय करना है. हालांकि, उन्होंने इशारों ही इशारों में यह संकेत दे दिया कि वो चुनावी रेस से बाहर हो गए हैं और निर्दलीय चुनाव नहीं लडेंगे. धनंजय सिंह ने कहा कि जौनपुर के चुनाव को लेकर दिल्ली में मेरी किसी भी नेता से कोई बात नहीं हुई है. मैं किसी के दबाव में नहीं हूं न तो मेरी किसी से मुलाकात हुई है.
दरअसल, नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर का अपहरण कर रंगदारी मांगने के आरोप में जौनपुर की कोर्ट ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह को सात साल की सजा सुनाई है. सजा के ऐलान के बाद धनंजय सिंह को जेल जाना पड़ गया था. हालांकि, इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से जमानत मिलने के बाद धनंजय सिंह पिछले हफ्ते 56 दिन बाद जेल से रिहा हुए. कोर्ट ने सजा पर रोक नहीं लगाई है इसलिए वो चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. इसके बाद धनंजय सिंह ने अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में उतारा. पत्नी श्रीकला जौनपुर में धुआंधार चुनाव प्रचार भी कर रही थीं. इस बीच बीएसपी ने श्रीकला को जौनपुर से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. बीएसपी की ओर से श्रीकला के नाम का ऐलान किए जाने के बाद जौनपुर सियासत की आबोहवा ही बदल गई.
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