नई दिल्ली: एयर इंडिया की उड़ानों में हाल ही में यात्री द्वारा अनुचित व्यवहार करने के मामले पर एविएशन रेगुलेटर डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने एयरलाइन्स को ऐसे मुसाफिरों के संबंध में एडवायजरी जारी की है. एयरलाइन्स को फटकार लगाते हुए, DGCA ने इस मामले में गैर-पेशेवर तरीके से मामले में पेश आने और एफआईआर फाइल करने में लापरवाही की आलोचना की है. एडवायजरी का पालन नहीं करने पर सख्ती की जाएगी और कार्रवाई भी होगी.
बयान में कहा गया है कि हाल के दिनों में, DGCA ने गलत बर्ताव और मुसाफिरों द्वारा अनुचित संचालन की कुछ घटनाएं देखी हैं, जिसमें उसने पाया है कि कई पदधारक, पायलट और कैबिन क्रू के सदस्य उपयुक्त कार्रवाई करने में असफल रहे हैं. एडवायजरी में आगे सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स (CAR) के कुछ सेक्शन को उजागर किया गया है, जिनके मुताबिक क्रू और एयरलाइन स्टाफ के लिए मुसाफिरों को अनुचित व्यवहार के परिणामों को साफ करना अनिवार्य है. DGCA ने पायलटों, कैबिन क्रू और डायरेक्टर इन फ्लाइट सर्विसेज के लिए अनुचित व्यवहार के खिलाफ सैनजिटाइजेशन प्लान्स को भी पेश किया है.
वहीं, एविएशन रेगुलेटर की गाइडलाइंस का फ्लाइट के क्रू मेंबर्स ने भी स्वागत किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, क्रू मेंबर ने कहा कि यह क्रू के लिए हुई सबसे अच्छी चीज है, क्योंकि हम रोजाना तीन से चार उड़ानें करते हैं, जिसमें हजारों मुसाफिर रहते हैं. उन्होंने कहा कि जब सर्विस की बात होती है, तो हम हमेशा विनम्र होते हैं. लेकिन जब सुरक्षा की बात आती है, तो हम सख्त हैं. उन्होंने कहा कि हम ऐसी स्थितियों को जितना विनम्र हो सके, उतना व्यवहार करने की कोशिश करते हैं. लेकिन अगर मामला आगे बढ़ जाता है, तो सभी एयरलाइन्स में इसके लिए नियम मौजूद हैं.
एविएशन रेगुलेटर का कहना है कि अगर लिखित नोटिस से स्थिति काबू में नहीं आ पाती है, तो गाइडलाइंस के तहत स्टाफ को दूसरे तरीके अपनाने की शक्ति मिलती है. इसके तहत, एयरलाइन के प्रतिनिधि को एयरोडोम पर लैंड करने पर एफआईआर दर्ज करानी होगी और मुसाफिर को सिक्योरिटी एजेंसी को सौंपना होगा. इससे पहले DGCA ने अपने बयान में कहा था कि ऐसे अनुचित मामलों में एयरलाइन्स द्वारा कार्रवाई नहीं करने, गलत एक्शन लेने से समाज के अलग-अलग वर्गों में हवाई सफर को लेकर छवि खराब होती है.
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