डेस्क: एयरलाइन कंपनियों की एक गलती कब उनके लिए मुसीबत बन जाती है. यह उन कंपनियों को भी नहीं मालूम होता है. विमानन नियामक डीजीसीए ने अयोग्य चालक दल के सदस्यों के साथ उड़ान संचालित करने के लिए एअर इंडिया पर 90 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा नियामक ने इस चूक के लिए एअर इंडिया के परिचालन निदेशक तथा ट्रेनिंग निदेशक पर छह लाख और तीन लाख रुपए का जुर्माना लगाया है.नागरिक विमानन महानिदेशालय ने संबंधित पायलट को आगाह किया कि भविष्य में ऐसी घटना न हो.
इसमें कहा गया कि एयर इंडिया लिमिटेड ने एक नॉन-ट्रेनर लाइन कैप्टन द्वारा संचालित उड़ान का संचालन किया, जिसे एक नॉन-लाइन-रिलीज अधिकारी के साथ जोड़ा गया था. नियामक ने इसे एक गंभीर शेड्यूलिंग घटना पाया है, जिसके गंभीर सुरक्षा परिणाम हो सकते हैं. एयरलाइन द्वारा 10 जुलाई को प्रस्तुत रिपोर्ट के जरिए घटना के संज्ञान में आने के बाद नियामक ने एयरलाइन के परिचालन की जांच की, जिसमें दस्तावेजों आदि की जांच शामिल थी.
रिलीज में कहा गया है कि जांच के आधार पर प्रथम दृष्टया यह पता चला है कि कई पदधारकों तथा कर्मचारियों द्वारा विनियामक प्रावधानों का उल्लंघन किया गया जिससे सुरक्षा पर काफी असर पड़ सकता है. डीजीसीए ने उल्लंघन के लिए एअर इंडिया पर 90 लाख रुपए, एयरलाइन के परिचालन निदेशक पर छह लाख रुपए और एयरलाइन के प्रशिक्षण निदेशक पर तीन लाख रुपए का जुर्माना लगाया है.
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