नई दिल्ली। निजी विमान कंपनी (private aircraft company) के यात्री विमानों में तकनीकी खराबी के चलते आपात लैंडिंग के मामलों जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है। अब इसे लेकर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने सख्ती दिखाई है। बताया गया है कि डीजीसीए (DGCA) के अफसरों ने हाल ही में कई फ्लाइट्स में स्पॉट चेकिंग (Spot checking on flights) की है। इसके साथ ही निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी एयरलाइंस के विमान को बेस या एयरपोर्ट से तभी उड़ान भरने की इजाजत दी जानी चाहिए, जब उस संस्था लाइसेंस प्राप्त स्टाफ ने उसकी सुरक्षा को लेकर मंजूरी दे दी हो।
डीजीसीए ने कहा है कि उसके आदेश का पालन 28 जुलाई तक शुरू कर दिया जाए। गौरतलब है कि पिछले एक महीने में ही स्पाइसजेट, इंडिगो जैसी एयरलाइंस के विमानों की तकनीकी खराबी के चलते आपात लैंडिंग कराई गई है। बताया गया है कि डीजीसीए की तरफ से फ्लाइट्स की मौके पर पहुंचकर जो चेकिंग (स्पॉट चेकिंग) की गई है, उसमें खराबी की गलत पहचान से जुड़े मामले भी सामने आए हैं। इसके अलावा फ्लाइट्स में न्यूनतम उपकरणों की सूची में भी कमी मिलने का चलन देखा गया है। इसके अलावा कई जगहों पर फ्लाइट के रवाना होने से पहले इनकी सुरक्षा मंजूरी देने वाले स्टाफ में कमी देखी गई है।
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट में स्पाइसजेट की फ्लाइटों की उड़ानें रोकने के लिए जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में हाल ही में स्पाइसजेट एयरलाइन की फ्लाइटों में आई खराबी की घटनाओं का भी जिक्र किया गया है। यह जनहित याचिका वकील राहुल भारद्वाज ने दायर की थी, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से किया इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा यह विषय सरकार का है, हाईकोर्ट इसमें हस्तक्षेप नही कर सकता है।
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