नई दिल्ली । डीजीसीए (DGCA) ने ओवरफ्लाइट प्रतिबंधों को देखते हुए (In view of Overflight Restrictions) एयरलाइनों को (To Airlines) नए दिशानिर्देश जारी किये (Issued New Guidelines) । नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने शनिवार को सभी एयरलाइन ऑपरेटरों को यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा और विनियामक अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए तत्काल प्रभाव से बेहतर यात्री हैंडलिंग उपायों को लागू करने का निर्देश दिया।
हाल ही में अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र बंद होने और ओवरफ्लाइट प्रतिबंधों को देखते हुए कई उड़ान मार्गों में काफी बदलाव किया गया है, जिससे उड़ान की अवधि बढ़ गई है और तकनीकी रुकावटों की संभावना है। डीजीसीए की सलाह के अनुसार, यात्रियों को मार्ग में बदलाव, यात्रा के समय में वृद्धि और उनकी यात्रा के दौरान किसी भी तकनीकी रुकावट के बारे में सूचित किया जाना चाहिए। यह संचार चेक-इन, बोर्डिंग और डिजिटल अलर्ट के माध्यम से होना चाहिए।
सलाह में कहा गया है, “एयरलाइंस को एक्चुअल ब्लॉक टाइम के आधार पर कैटरिंग सुविधा को रिवाइज करने की जरूरत है, ताकि किसी भी टेक्निकल स्टॉपओवर सहित पूरी उड़ान के दौरान पर्याप्त भोजन, हाइड्रेशन और विशेष भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।” इसके अलावा, एयरलाइंस को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि विमान में मेडिकल सप्लाई को लेकर किसी तरह की कमी न हो। इसी के साथ संभावित तकनीकी रुकावट वाले हवाई अड्डों पर आपातकालीन सेवाओं की उपलब्धता की पुष्टि करनी होगी।
विमानन नियामक के अनुसार, कॉल सेंटर और कस्टमर सर्विस टीम को लागू विनियमों के अनुसार देरी, मिस्ड-कनेक्शन को हैंडल करने और सहायता या मुआवजा देने के लिए तैयार रहना चाहिए। इसके अलावा, फ्लाइट ऑपरेशन, कस्टमर सर्विस, ग्राउंड हैंडलिंग, इनफ्लाइट सर्विस और मेडिकल पार्टनर के बीच तालमेल बनाए रखना जरूरी होगा। नियामक ने कहा, “सभी एयरलाइनों को इस निर्देश को अनिवार्य रूप से मानना होगा। इसका पालन न करने पर लागू नागरिक विमानन आवश्यकताओं (सीएआर) के तहत विनियामक कार्रवाई हो सकती है। यह निर्देश तुरंत प्रभावी है और अगली सूचना तक लागू रहेगा।”
इस बीच, भारतीय एयरलाइनों ने घोषणा की है कि उनकी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें दूसरे रूट से चलेंगी, क्योंकि जम्मू-कश्मीर में इस्लामाबाद द्वारा प्रायोजित पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद बढ़ते राजनयिक तनाव के बीच पाकिस्तान ने भारत के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है। दिल्ली, लखनऊ और अमृतसर सहित उत्तर भारत के हवाई अड्डों से एयरलाइनों को अब गुजरात या महाराष्ट्र की ओर जाना होगा और फिर यूरोप, उत्तरी अमेरिका या पश्चिम एशिया के लिए दाईं ओर मुड़ना होगा। इससे भारतीय एयरलाइनों द्वारा संचालित कुछ अमेरिकी और यूरोपीय उड़ानों की अवधि 2 से 2.5 घंटे तक बढ़ जाएगी।
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