जम्मू। महानिदेशक जेल (Director General Jail) डीजी हेमंत लोहिया (DG Hemant Lohia) की हत्या करने (murdered) के आरोपी यासिर ने वारदात के बाद खुदकुशी की कोशिश (suicide attempt) की थी। फरार होने के बाद वह एक खाली प्लॉट में छुप गया था, जहां उसने एक पेड़ पर अपनी बेल्ट बांधकर फंदा लगाया, लेकिन बेल्ट टूट गई। इससे वह बच गया।
सूत्रों के अनुसार यासिर ने यह सब बातें पूछताछ में पुलिस अधिकारियों को बताई हैं। हालांकि इसकी अधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि नहीं कर रहा है। कोई भी पुलिस अधिकारी इस मामले पर बोलने से इंकार कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि बुधवार को पुलिस ने यासिर का मेडिकल चेकअप भी कराया है।
दो जगहों पर यासिर को लेकर पहुंची पुलिस
सूत्रों का कहना है कि बुधवार को यासिर को पुलिस दो जगहों पर लेकर गई। इसमें एक वह जगह है, जहां पर उसने अपनी बेल्ट से फंदा लगाकर जान देने का प्रयास किया था। दूसरा बोहड़ी क्षेत्र के पेट्रोल पंप पर। इस पेट्रोल पंप से यासिर पेट्रोल या डीजल लेकर गया था। उसने पेट्रोल पंप पर कहा था कि डीजीपी ने उसे तेल लेने के लिए भेजा है।
यासिर ने कहा- मैने ही डीजी को मारा
लोहिया के हेल्पर रहे यासिर लोहार निवासी रामबन ने स्वीकार किया है कि उसने ही डीजी की हत्या की है। हत्या करने के पीछे उद्देश्य पुलिस ने फिलहाल नहीं बताया है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि यासिर ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि वह नौकरी न मिलने से आहत था। इस वजह से डीजीपी की हत्या कर दी।
यह भी बताया जा रहा है कि यासिर लोहिया का हेल्पर बनने से पहले एक आईएएस अधिकारी के घर 4 साल तक हेल्पर के तौर पर काम करता था। कुछ समय पहले उक्त अधिकारी ने इसे निकाल दिया था। इसके बाद यासिर को एक और बड़े अधिकारी के पास रखने की सिफारिश की गई थी। लेकिन उक्त अधिकारी ने मना कर दिया। बाद में यासिर को डीजीपी जेल हेमंत लोहिया के पास रखा गया।
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