नई दिल्ली । हर साल कार्तिक शुक्ल (Kartik Shukla) एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) योग निद्रा से जागते हैं. विष्णु जी के योग निद्रा से बाहर आते ही चातुर्मास समाप्त हो जाता है और चार महीने से बंद पड़े शुभ व मांगलिक कार्य फिर से चालू हो जाते हैं.इस साल देवउठनी एकादशी की तिथि को लेकर बहुत कन्फ्यूजन है. कोई 11 नवंबर तो कोई 12 नवंबर को देवोत्थान एकादशी बता रहा है.
कब है देवउठनी एकादशी?
हिंदू पंचांग के अनुसार, देवउठनी एकादशी की शुरुआत 11 नवंबर की शाम 6:42 बजे होगी. वहीं इसका समापन 12 नवंबर को 4:04 बजे होगा. ऐसे में उदिया तिथि के कारण देवउठनी एकादशी 12 नवंबर दिन मंगलवार को मनाई जाएगी. जबकि व्रत का पारण 13 नवंबर को होगा. 12 नवंबर को आप शुभ मुहूर्त में भगवान विष्णु की पूजा करेंगे. फिर 13 नवंबर की सुबह 7:42 बजे से 8:51 बजे तक व्रत का पारण होगा.
पूजन विधि
देवउठनी एकादशी के दिन सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करें. अपने घर के मंदिर में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करें. लक्ष्मी-विष्णु के समक्ष देसी घी का दीपक जलाएं और उन्हें पीले रंग के फल, फूल, वस्त्र और मिठाई अर्पित करें. विष्णु पुराण का पाठ करें. फिर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें और प्रसाद का भोग लगाकर लोगों में बांटें. पूजा के बाद सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा दें.
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