नई दिल्ली (New Delhi)। कार्तिक मास (Kartik month) की देवोत्थान एकादशी (Devotthan Ekadashi) (देव प्रबोधिनी) (Dev Prabodhini) के लिए राजधानी में शादी के मंडप सजने (Wedding halls started decorated) लगे हैं। बृहस्पतिवार को हजारों युवक-युवतियां परिणय सूत्र (Thousands of young men and women married) में बंधेंगे। इस दिन मुहूर्त निकलवाने की कोई आवश्यकता नहीं होती। यह दिन देवों का माना जाता है और उनका दरबार खुला होता है। ऐसे में इस दिन कोई भी कार्य करने में अड़चन नहीं होती। लिहाजा, राजधानी में बैंडबाजे व शादियों के गानों की धुन चारों ओर सुनाई देगी।
करीब चार माह बाद शादी के शुभ मुहूर्त (auspicious time) शुरू हो रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक, बृहस्पतिवार को 10 हजार से अधिक शादियां हो सकती हैं। आषाढ़ माह में अमावस्या के बाद आने वाली भड्डली नवमी को प्रतिवर्ष शादियां बंद हो जाती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन देव सो जाते हैं और कार्तिक माह में अमावस्या के बाद आने वाली देव प्रबोधिनी एकादशी को देव जग जाते हैं। इस कारण चार माह बाद शादियां शुरू होती है।
ज्योतिषाचार्य दीन बंधु शास्त्री ने बताया कि देवोत्थान पर प्रत्येक काॅलोनी व गांव में दो से तीन शादियां होंगी। इस तरह दस हजार से अधिक शदियां होने का अनुमान है। ज्योतिषाचार्य प्रमोद शास्त्री ने बताया कि 23 नवंबर से 15 दिसंबर तक शादियों को शुभ मुहूर्त है। 15 दिसंबर के बाद तारा डूब जाएगा और एक माह तक शादी नहीं होगी। लिहाजा, 23 नवंबर से 15 दिसंबर के मध्य शादी के लिए 13 मुहूर्त हैं। सितारों की गणना के अनुसार 23, 24, 27, 28 व 29 नवंबर और 3, 4, 7, 8, 9 व 15 दिसंबर को शादी के लिए शुभ दिन है।
पंडित, घोड़ी व बैंड सब बुक
शादी के लिए घोड़ी, बैंड, टैंट, कैटर्स आदि की बुकिंग काफी पहले हो चुकी है। हालत यह है कि बृहस्पतिवार को न तो राजधानी के कैटर्स खाली हैं और न ही बैंडवाले। इतना ही नहीं विवाह कराने वाले पंड़ितों की बुकिंग भी काफी पहले हो चुकी है। वहीं, आम जनता के साथ-साथ नेताओं के घर इतने निमंत्रण आए हुए हैं कि उनकी समझ मेंं नहीं आ रहा है कि किसके यहां जाएं और किसके यहां अन्य को भेजें।
देशभर में 38 लाख शादियों से बाजार में आएंगे 4.74 लाख करोड़ रुपये
कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने मंगलवार को दावा किया कि बृहस्पतिवार से शुरू हो रहे शादियों के सीजन के दौरान देशभर में 13 दिनों में करीब 38 लाख शादियों से बाजार में 4.74 लाख करोड़ रुपये आएगे।
शादियों के सीजन के मद्देनजर देश का व्यापारिक समुदाय उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। पिछले साल इसी अवधि में लगभग 32 लाख शादियां हुईं थीं और 3.75 लाख करोड़ रुपये का व्यापार होने का अनुमान लगाया गया था।
लिहाजा, इस साल छह लाख अधिक शादी और एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होेने का अनुमान है। कैट के महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल व अन्य पदाधिकारियों ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि विभिन्न राज्यों के 30 विभिन्न शहरों को प्रमुख वितरण केंद्र के रूप में जाना जाता है। इन शहरों के प्रमुख व्यापारी संगठनों से बात करने के बाद यह अनुमान लगाया गया है कि देशभर में शादियों के इस सीजन में इस साल लगभग 38 लाख शादियां होंगी।
खरीदारी और विभिन्न सेवाओं के मामले में लगभग 4.74 लाख करोड़ का व्यापार होने का अनुमान है। जबकि दिल्ली में इस सीजन में चार लाख से अधिक शादियां और लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने की संभावना है।
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