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    त्रिवेणी संगम पर उमड़े श्रद्धालु… 118 किलोमीटर लंबी पंचक्रोशी यात्रा की विविवत शुरुआत आज से हुई

  • May 03, 2024

    • पिंग्लेश्वर से आज सुबह कायावरोहरणेश्वर पड़ाव की ओर बढ़ा पंचक्रोशी यात्रियों का जत्था

    उज्जैन। पंचक्रोशी यात्रा तिथि के अनुसार आज से आरंभ हुई है, लेकिन हर बार की तरह यह एक-दो दिन पहले यात्रियों ने शुरु कर दी थी। कल शाम तक लगभग 30 हजार पंचक्रोशी यात्री पिंगलेश्वर पड़ाव पहुंच गए थे और आज उन्होंने अगले पड़ाव की ओर बढऩा शुरु कर दिया। हजारों श्रद्धालु आज भी पंचक्रोशी यात्रा पर निकल रहे हैं। आज सुबह त्रिवेणी संगम पर पंचक्रोशी यात्रियों की भारी भीड़ नजर आ रही थी।


    पंचक्रोशी यात्रा का विधिवत शुभारंभ आज से हो गया है, लेकिन इसके दो दिन पहले ही हजारों श्रद्धालुओं ने पड़ावों पर आधी अधूरी व्यवस्थाओं के बीच यात्रा शुरु कर दी थी। कल शाम तक लगभग 30 हजार से अधिक पंचक्रोशी यात्री निर्धारित तिथि के एक दिन पहले आस्था की डगर पर निकल पड़े थे और शाम तक पहले पड़ाव पिंगलेश्वर पहुंच गए थे। आज सुबह यह यात्री कायावरोहरणेश्वर पड़ाव की ओर निकल पड़े। आज सुबह भी हजारों श्रद्धालु पंचक्रोशी के लिए रवाना हुए। उल्लेखनीय है कि हर साल की तरह इस साल भी पंचक्रोशी यात्रा तय तिथि से पहले यात्रा शुरु कर चुके हैं। इधर अभी भी पड़ावों पर यात्रियों के लिए व्यवस्थाएँ की जा रही, ताकि श्रद्धालुओं को परेशानी न आए। वहीं दूसरी ओर कल लगभग 30 हजार पंचक्रोशी यात्रियों के अलग-अलग जत्थे पिंगलेश्वर पड़ाव की ओर रवाना हो गये थे। यहां श्रद्धालुओं के लिए टेन्ट लगाने, पानी की व्यवस्था कर दी गई थी और पांडालों में पंचक्राशी यात्रियों ने रात गुजारी। इधर आज से विधिवत पंचक्राशी शुरु करने वाले सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने देर रात तक नगर प्रवेश किया और आज सुबह शिप्रा स्नान के बाद पटनी बाजार स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर पहुँचे। यहाँ भगवान का पूजन किया और बल लेकर गोपाल मंदिर होते हुए सतीगेट मार्ग से निजातपुरा होकर कोयला फाटक स्थित प्रवेश द्वार की ओर बढ़ गए थे। कल जो लोग रवाना हो गए थे वे आज सुबह पिंगलेश्वर पड़ाव से कायावरोहरणेश्वर पड़ाव की ओर रवाना हो गए थे।

    त्रिवेणी घाट पर किया फव्वारा स्नान और दर्शन
    आज सुबह त्रिवेणी स्थित नवग्रह शनि मंदिर परिसर में हजारों की संख्या में पंचक्रोशी यात्री तथा अन्य श्रद्धालु पहुंचे। जिन्होंने त्रिवेणी घाट पर लगाए गए फव्वारों में स्नान किया और उसके बाद शनि मंदिर में दर्शन किए। इसके बाद यहां से भी हजारों की संख्या में पंचक्राशी यात्रियों ने नागचंद्रेश्वर मंदिर आकर बल लिया और फिर पंचक्रोशी के लिए निकल पड़े। उल्लेखनीय है कि 118 किलोमीटर के दायरे में आने वाले 5 पड़ाव और 2 उपपड़ाव से होकर गुजरते हैं। पटनी बाजार नागचंद्रेश्वर मंदिर से बल लेकर यह यात्रा शुरु होती है और यात्रा का 5 दिन बाद समापन भी इसी मंदिर में बल लौटाकर श्रद्धालु करते हैं।

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