उज्जैन: उज्जैन (Ujjain) के प्रसिद्ध बाबा महाकाल मंदिर (Baba Mahakal Temple) में हर साल करोड़ों भक्त दर्शनों के लिए पहुंचते हैं, ऐसे में बाबा के भक्त दान भी दिल खोलकर करते हैं. इस बार भी बाबा को जमकर चढ़ावा चढ़ाया गया है, जिसमें सोने-चांदी के अलावा नगदी शामिल है. इस बार 13 दिसंबर तक महाकालेश्वर मंदिर में एक अरब 65 करोड़ रुपए से ज्यादा की आय हुई है, जबकि 31 दिसंबर तक यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है. इस बार बाबा महाकाल मंदिर की आय तीन गुना तक बढ़ गई है.
बाबा महाकाल मंदिर में इस बार 1533 ग्राम सोना और 399 किलो चांदी का चढ़ावा हुआ है. दान की पेटी से कुल 64 किलो आभूषण प्राप्त हुए हैं. वहीं महाकाल के भक्त प्रसाद के रूप में 53 करोड़ 50 लाख से अधिक के लड्डू को अपने साथ महाकाल के आशीर्वाद स्वरूप में ले गए हैं. खास बात यह है कि इस बार रिकॉर्ड संख्या में 5.18 करोड़ पर्यटक भी उज्जैन पहुंचे हैं.
महाकाल लोक बनने के बाद यहां पर्यटकों की संख्या सबसे ज्यादा बढ़ी है. उज्जैन में पहले हर दिन बाबा महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए 40 से 50 हजार तक श्रद्धालु आते थे, जबकि अब हर दिन करीब 1.50 से 2 लाख श्रद्धालु महाकाल के दर्शन करने आ रहे हैं.
खास बात यह है कि इस बार बाबा महाकाल मंदिर का गर्भग्रह सालभर बंद ही रहा. गर्भगृह में भक्तों का प्रवेश जुलाई 2023 से ही वर्जित है, जिससे मंदिर की आय पर असर हुआ है. पिछले साल मंदिर के गर्भगृह में भक्तों का प्रवेश वर्जित नहीं था तब मंदिर समिति को प्रति श्रद्धालु 750 रूपये गर्भग्रह में दर्शन के मिलते थे. पिछले साल 2023 में चार महीने में ही 9 करोड़ 45 लाख 82 हजार 990 रुपए की आय हुई थी.
इसमें अप्रैल महीने में 2 करोड़ 42 लाख 6 हजार 250 रुपए, मई में 3 करोड़ 51 लाख 64 हजार 240 रुपए, जून महीने में 3 करोड़ 72 लाख 99 हजार रुपए और जुलाई में 1 करोड़ 69 लाख 3500 हजार रुपए की आय हो गई थी. दरअसल, जुलाई में करीब 15 दिन के लिए ही गर्भगृह में प्रवेश चालू था. इस साल अगर गर्भगृह में आम भक्तों का प्रवेश जारी रहता तो मंदिर समिति की आय इस साल 2 अरब पार कर जाती.
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