उज्जैन। माघ मास में शिप्रा स्नान का विशेष महत्व माना जाता है। कल से माघ मास के स्नान शुरू हो गए हैं। 15 जनवरी को शहर में मकर संक्रांति का स्नान होगा। इसके लिए नर्मदा का पानी लाया जा रहा है और संक्रांति वाले दिन नर्मदा और शिप्रा के पानी से श्रद्धालुओं को स्नान कराया जाएगा। यह पानी साफ रहे इसके लिए त्रिवेणी संगम पर फिर से मिट्टी का बांध बनाया जा रहा है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार संपूर्ण माघ मास में शिप्रा स्नान का विशेष महत्व धर्मशास्त्रों में बताया गया है। इस बार 15 जनवरी को मकर संक्रांति आ रही है। इस दिन शिप्रा स्नान कर दान-पुण्य का विशेष महत्व रहता है। पीएचई और जल संसाधन विभाग मकर संक्रांति के स्नान को लेकर व्यवस्थाओं में जुट गए हैं। नर्मदा और शिप्रा के जल से संक्रांति स्नान की तैयारियां हो रही है। लाए गए नर्मदा के पानी को त्रिवेणी के समीप कान्ह नदी का दूषित पानी खराब न करे इसके लिए यहाँ पिछले तीन दिन से मिट्टी का बांध बनाने का काम किया जा रहा है। इसके अलावा त्रिवेणी से लेकर गऊघाट स्टापडेम तथा यहां से लेकर रामघाट तक पूर्व का जमा दूषित पानी स्टापडेमों के गेट खोलकर आगे बढ़ाया जा रहा है।
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