मुंबई. महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है. फडणवीस ने रियल ऐस्टेट सेक्टर में जारी नीतियों पर सवाल उठाए हैं. इतना ही नहीं उन्होंने सीएम को चेतावनी दी है कि अगर उनकी बात पर कार्रवाई नहीं की गई, तो वे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करेंगे. गौरतलब है कि शिवसेना के मुखपत्र सामना में पिछले दिनों प्रकाशित संपादकीय के बाद से ही राज्य की सियासत गरमाई हुई है. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने सीएम ठाकरे को पत्र के जरिए चेतावनी दी है.
उन्होंने लिखा ‘रियल ऐस्टेट सेक्टर पर कोविड के प्रभाव को कम करने के लिए तैयार नीतियों का इस्तेमाल कुछ रियल ऐस्टेट डेवलपर्स को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है.’ इस पत्र में पूर्व सीएम ने दावा किया है कि अगर सरकार नीतियों में सुधार नहीं करेगी, तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. अपने पत्र में फडणवीस ने आगे लिखा ‘मैं इसलिए इस पत्र को अंग्रेजी में लिख रहा हूं कि अगर जानकारी में लाए जाने के बावजूद आपने को सुधारात्मक कार्रवाई नहीं की, तो मैं बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने के लिए मजबूर हो जाउंगा.’ उन्होंने सीएम से कहा कि आप किसी भी समय मुझसे आगे की जानकारी ले सकते हैं.
शिवसेना (Shivsena) ने अपने मुखपत्र सामना में यूपीए के नेतृत्व को कमजोर बताया था. शिवसेना ने दावा किया था कि राष्टीय कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) विपक्ष को मजबूत कर सकते हैं. इसके अलावा पार्टी ने कहा था कि सभी भाजपा विरोधी पार्टियों को यूपीए के झंडे तले एक साथ आकर काम करना चाहिए. वहीं, राकंपा सांसद मजीद मेमन ने सामना की बात का समर्थन भी किया था. उन्होंने शनिवार को कहा ‘2014 के बाद 2019 में मोदजी के नेतृत्व में बीजेपी ने अपनी ताकत और बढ़ा ली इससे ये सिद्ध हो जाता है कि यूपीए और कमजोर हुआ है.’ इसके अलावा उन्होंने कहा ‘अगर मोदजी के सामने कोई ताकत उभरनी हो तो उसका नेतृत्व शरद पवार करें तो ये उचित लगता है.’
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