उज्जैन। गया कोठा पर भीड़ लगेगी लेकिन वहाँ विकास कार्य अधूरे हैं और कई मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। गया कोठा की धार्मिक महत्ता को देखते हुए धर्मस्व विभाग ने करीब 5 साल पहले इस क्षेत्र के विकास और यहाँ स्थित कुंड को सजाने संवारने के लिए करोड़ों रुपए की राशि स्वीकृत की। आसपास का काम हो गया, सभा मंडप भी थोड़ा बन गया लेकिन अभी भी कुछ काम अधूरा है। जब इस संबंध में हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों से पूछा गया तो उनका कहना था स्वीकृत राशि के अलावा और भी राशि इस क्षेत्र के विकास के लिए मांगी गई है लेकिन शासन से राशि नहीं आ पाने के कारण विकास का काम पिछले डेढ़ साल से बंद पड़ा है।
ऐसे में गया कोठा के पास जो कुंड का विकास किया गया है। इन दीवारों के आसपास घास उग गई है और मेंटेनेंस के अभाव में दीवारें भी खराब होने लगी है। इसके अलावा यहाँ बिल्डिंग मटेरियल भी पड़ा हुआ है और इसे साफ करने वाला भी कोई नहीं है इन सब अव्यवस्थाओं के बीच कल से पूर्णिमा श्राद्ध के दिन से लेकर अमावस्या के श्राद्ध तक पूरे 16 दिन गया कोठा पर तर्पण, पिंडदान करने वाले और दूध चढ़ाने वालों की भीड़ लगी रहेगी। उल्लेखनीय है कि एक तरफ तो सरकार कहती है विकास कार्यों के लिए बजट की कोई कमी नहीं है और यहाँ पूरे 5 साल बीतने को है और अभी तक गया कोठा का काम पूरा नहीं हो पाया है।
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