– संजय तिवारी
अभी केवल सात वर्ष ही हुए हैं। बीमार उत्तर प्रदेश अब विकसित उत्तर प्रदेश के रूप में एक अंतरराष्ट्रीय ब्रॉन्ड बन कर उभर रहा है। ब्रॉन्ड योगी जैसे सात्विक और सतत क्रियाशील नेतृत्व ने इस अति पिछड़े और माफियाओं की जकड़ में घुट रहे प्रदेश को आज ब्रॉन्ड यूपी बनाकर दुनिया को अपनी ओर आकर्षित किया है। विश्व की औद्योगिक, वाणिज्यिक और व्यापारिक संस्थाएं उत्तर प्रदेश को अपना कार्यक्षेत्र बना रही हैं। लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है और लाखों करोड़ की मजबूत अर्थव्यवस्था की नींव पड़ रही है। 2017 के बाद 2024 का उत्तर प्रदेश अब बिलकुल अलग है।
किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए यह आवश्यक है कि उस क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी और श्रम की उपलब्धता के साथ ही कानून व्यवस्था उत्तम हो। सामान्य जन सुरक्षित महसूस करें। कोई भी औद्योगिक इकाई या व्यापारिक गतिविधि तभी सफल होकर परिणाम दे सकती है। 2017 से पूर्व इस प्रदेश में ऐसी सोच की कल्पना भी संभव नहीं थी। बड़े उद्योग अथवा व्यापार के लिए तो परिवेश ही नहीं था। सत्ता माफिया के साथ रहती थी। अलग-अलग क्षेत्र अलग-अलग किस्म के माफिया के इशारे पर संचालित हो रहे थे। सत्ता में इनका दबदबा था। कानून व्यवस्था सम्हालने वालों को इनके इशारे पर काम करना पड़ता था।
प्रदेश भारी कर्ज की बोझ में दबा था। इस प्रदेश के प्राण तत्व स्वरूप जो स्थल थे वहां की हालत जर्जर थी। अयोध्या, काशी, मथुरा, प्रयाग, नैमिशरण्य और विंध्य क्षेत्र जैसे स्थल तो सरकार की दृष्टि में ही नहीं थे। धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था। 2017 में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही जब इस प्रदेश की कमान अपने हाथ में ली तो कथित राजनीति के रणनीतिकार कुछ समझ ही नहीं पाए। उन्हें लगा कि एक संन्यासी भला 26 करोड़ रुपये की आबादी वाले इस प्रदेश को कहां लेकर चल पाएगा।
यहीं उन राजनीतिक पंडितों से चूक हो गई। योगी आदित्यनाथ की शक्ति और उनके ध्येय वाक्य से वे परिचित नहीं थे। योगी हमेशा कहा करते थे कि हिन्दुत्व और विकास एक दूसरे के पूरक हैं। यदि विकास करना है तो हिंदुत्व का मार्ग लेना पड़ेगा। योगी को पता था कि उत्तर प्रदेश ही भारत वर्ष का वह केंद्र है जहां से सनातन हिंदुत्व की प्रखर ज्योति लेकर विकास की तीव्र यात्रा की का सकती है। अपने सात वर्षों के अत्यंत अल्पकाल में उन्होंने इसे प्रमाणित कर दिखाया है।
उत्तर प्रदेश आज आर्थिक निवेश का गढ़ बन रहा है। योगी के नेतृत्व में प्रदेश में विकसित इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉ एंड ऑर्डर ने केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के उद्यमियों को अपनी ओर खींचा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के मंत्र को साधते हुए योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की 26 करोड़ जनता का विश्वास लेकर प्रदेश को बीमारू राज्य से निकाल कर यहां रामराज्य का वातावरण गढ़ दिया है। इस बार तो उन्होंने उत्तर प्रदेश का बजट भी श्रीराम के चरणों में ही समर्पित कर दिया है।
उत्तर प्रदेश में चौथी बार ग्राउंड ब्रेकिंग सेरिमनी होने जा रही है। लाखों करोड़ के निवेश के प्रस्ताव आ चुके हैं। पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक उत्तर प्रदेश चमक रहा है। वैश्विक परिवेश के वैश्विक आयोजन हो रहे हैं। अभी केवल सात वर्ष पहले जो प्रदेश हिंसा, नफरत और साम्प्रदायिकता की आग में जल रहा था, आज तस्वीर बदल चुकी है। योगी का वह विश्वास हर ओर स्थापित होता दिख रहा है कि हिन्दुत्व और विकास एक दूसरे के पूरक हैं।
(लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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