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‘विकसित भारत केवल सपना नहीं, एक साझा राष्ट्रीय मिशन है’, अमेरिका में बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

  • April 22, 2025

    नई दिल्ली। 2047 तक भारत को विकसित बनाने की यात्रा केवल एक आकांक्षा या सपना नहीं है, बल्कि एक साझा राष्ट्रीय मिशन है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगले दो दशक में सतत वृद्धि के लिए भारत की कोशिशें एक नए आदर्श पर टिकी है। यह साहसिक सुधारों, बढ़ी हुई घरेलू क्षमताओं और उभरते वैश्विक परिदृश्य के अनुकूल रणनीतिक संस्थागत सहयोग पर आधारित है।

    स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी कैलिफोर्निया के हूवर इंस्टीट्यूशन में बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले दो केंद्रीय बजटों ने सभी क्षेत्रों में एक स्पष्ट नीति और एजेंडे के साथ बदलाव का आधार तैयार किया है। वित्त मंत्री के अनुसार, पिछले दशक में सरकार ने संरचनात्मक सुधार किए हैं। 20,000 से अधिक नियमों को युक्तिसंगत बनाया गया है। व्यापार से जुड़े कानूनों को अपराधमुक्त किया गया है और टकराव को कम करने के लिए सार्वजनिक सेवाओं का डिजिटलीकरण किया गया है।

    वित्त मंत्री ने आगे कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास पर महत्वपूर्ण जोर देने से पिछले 10 वर्षों में निवेशकों का विश्वास मजबूत हुआ है और विनिर्माण आधारित विकास के लिए मजबूत आधार तैयार हुआ। सीतारमण ने कहा कि 2017-18 और 2025-26 के बजट के बीच केंद्र सरकार के पूंजीगत व्यय में चार गुना से अधिक की वृद्धि से यह संभव हुआ। उन्होंने कहा, “विभिन्न राज्य सरकारों की ओर से व्यवसाय सुधार से जुड़ी कार्य योजना के क्रियान्वयन के हमारे अनुभव ने यह जाहिर किया है कि विनियमन में ढील औद्योगिक विकास के लिए एक शक्तिशाली उत्प्रेरक है।”


    वित्त मंत्री ने कहा कि आगे बढ़ते हुए, भारत की विकास गति को बनाए रखने के लिए साहसिक सुधारों और बदलते वैश्विक परिदृश्य के अनुरूप अनुकूलनीय रणनीतियों के नए दृष्टिकोण की जरूरत है। उन्होंने कहा, “अगले दो दशकों में भारत की विकास गति को बनाए रखने के लिए साहसिक सुधारों, मजबूत घरेलू क्षमताओं, नई संस्थागत साझेदारियों और उभरते वैश्विक परिदृश्य के अनुकूल दृष्टिकोण की आवश्यकता है।” भारत ने 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य रखा है। इस साल देश ब्रिटिश शासन से अपनी स्वतंत्रता के 100वें वर्ष में प्रवेश करेगा।

    उन्होंने कहा, “जब हम विकसित भारत की नींव रख रहे हैं, तो हमें वर्तमान वास्तविकताओं को नजरअंदाज किए बिना दीर्घकालिक लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध रहना चाहिए। वैश्विक व्यवस्था बदल रही है। इससे चुनौतियां तो पैदा होती ही हैं, अवसर भी मिलते हैं। हमें चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए और अवसरों का लाभ उठाना चाहिए।”

    उन्होंने कहा कि 2047 तक ‘विकसित भारत’ बनने की भारत की यात्रा महज एक आकांक्षा नहीं है, बल्कि समावेशी, टिकाऊ और नवाचार आधारित विकास के विजन से प्रेरित एक साझा राष्ट्रीय मिशन है। उन्होंने कहा कि महामारी से हुए नुकसान और बैंकिंग संकट के बावजूद, “पिछले दशक में हमारी प्रगति, मजबूत वृहद आर्थिक बुनियादी बातों और स्थिर सुधारों पर आधारित है, जो हमें आगे की राह के लिए आत्मविश्वास और दिशा प्रदान करती है।” उन्होंने कहा कि इसके असर से भारत विश्व की दसवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।

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