उज्जैन। आने वाले दिनों में विक्रम उद्योगपुरी ताजपुर (Vikram Udyogpuri Tajpur) में भारत की एकमात्र ऐसी यूनिट (Unit) डलने वाली है, जिसमें अर्ली कैंसर डिटेक्शन किट का निर्माण किया जाएगा। यह किट ऐसी होगी, जिसमें यूरिन की बूंद डालते ही आठ प्रकार के कैंसर का पता लग जाएगा। इस यूनिट को शुरू करने के पहले साउथ कोरिया से आठ सदस्यों का दल विक्रम उद्योगपुरी पहुंचा। जहां एमपीआईडीसी (मध्यप्रदेश इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) के निदेशक राजेश राठौड़ ने प्रजेंटेशन के माध्यम से विक्रम उद्योगपुरी के बारे में बताया।
साथ ही यह भरोसा दिलाया कि हम उद्योग लगाने में आपकी हर संभव मदद करेंगे। मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के निदेशक राजेश राठौड़ ने बताया कि 21 एकड़ जमीन पर कैंसर के लक्षणों की पहचान करने के लिए किट निर्माण की यूनिट डाली जाएगी। कोरिया का CUBEBIO समूह उज्जैन में 207 करोड़ रुपये इन्वेस्ट करेगा। जो कि इस यूनिट में अर्ली कैंसर डिटेक्शन किट बनाएगा, जिसे दुनिया भर में भेजा जाएगा।
साथ ही यह भरोसा दिलाया कि हम उद्योग लगाने में आपकी हर संभव मदद करेंगे। मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के निदेशक राजेश राठौड़ ने बताया कि 21 एकड़ जमीन पर कैंसर के लक्षणों की पहचान करने के लिए किट निर्माण की यूनिट डाली जाएगी। कोरिया का CUBEBIO समूह उज्जैन में 207 करोड़ रुपये इन्वेस्ट करेगा। जो कि इस यूनिट में अर्ली कैंसर डिटेक्शन किट बनाएगा, जिसे दुनिया भर में भेजा जाएगा।
उज्जैन में इस यूनिट को डालने के पहले साउथ कोरिया के ईसीडीएस ग्रुप के निवेशकों ने पहले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से भोपाल मंत्रालय में मुलाकात की थी और मेडिकल उपकरणों, मेडिकल एआई नैनो टेक्नोलॉजी, बायो पॉलीमर और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश की इच्छा जताई थी। इस मुलाकात के बाद ही साउथ कोरिया के ईसीडीएस ग्रुप के सदस्य उज्जैन स्थित विक्रम उद्योगपुरी पहुंचे थे। जहां पर उन्होंने इस यूनिट को उज्जैन में डालने की बात कही है।
यह पहली ऐसी किट होगी, जिसमें यूरिन की कुछ बूंद किट पर डालने के साथ ही यह पता लग जाएगा की जिस व्यक्ति की जांच की जा रही है, उसे किस प्रकार का कैंसर है। इस किट से आठ प्रकार के कैंसर का पहली स्टेज पर ही पता लगाया जा सकेगा। इस कीट से आठ प्रकार के कैंसर जिसमें ब्रेस्ट, स्टमक, लंग्स, लिवर, प्रोस्टेस्ट, ब्लेडर, क्लोरेक्टल, पैंक्रिएटिक की जांच की जांच आसानी से की जाएगी। बताया जाता है कि यह देश की पहली किट है, जो मैन्युफैक्चरिंग यूनिट उज्जैन में ला रही है।
ब्रेस्ट कैंसर- मैमोग्राम, अल्ट्रासाउंड, बायोप्सी और बोन स्कैन जैसी जांचों से स्तन कैंसर का पता लगाया जाता है। स्टमक कैंसर- पेट के कैंसर का पता लगाने के लिए एंडोस्कोपी, बायोप्सी, सीटी स्कैन, एमआरआई, पेट स्कैन और ब्लड टेस्ट किए जाते हैं। लंग्स कैंसर- छाती का एक्स-रे, सीटी स्कैन और बायोप्सी होती है। बलगम और फेफड़ों के आसपास के तरल पदार्थ (थोरेसेंटेसिस) की जांच की जाती है।
लिवर कैंसर- इस लिवर कैंसर का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट, इमेजिंग स्कैन, बायोप्सी और सर्जरी जैसी जांचें की जाती हैं। प्रोस्टेट कैंसर- डिजिटल रेक्टल परीक्षा (DRE), प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन (PSA) टेस्ट, स्कैन और बायोप्सी जैसी जांचें की जाती हैं। ब्लेडर कैंसर- सिस्टोस्कोपी, यूरिन विश्लेषण, कोशिका विज्ञान परीक्षण, बायोप्सी, पेट का सीटी स्कैन, छाती का एक्स-रे, MRI होती हैं। कोलोरेक्टल कैंसर- मल परीक्षण, कोलोनोस्कोपी, बेरियम एनीमा, और सीटी स्कैन जैसे परीक्षण किए जाते हैं। पैंक्रियाटिक कैंसर- इमेजिंग जांच, बायोप्सी, खून की जांच, और आनुवंशिक परीक्षण किए जाते हैं।
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