वाशिंगटन: अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन ने कहा कि इस बात के संकेत मिले हैं कि चीन, यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस की मदद करने पर विचार कर रहा है जो विनाशकारी हो सकता है. पेंटागन के प्रेस सचिव ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘ऐसे संकेत मिले हैं कि वे इस पर विचार कर रहे हैं. मेरे पास इस संबंध में कोई अतिरिक्त जानकारी या कोई खुफिया जानकारी नहीं है, सिवाय इस तथ्य के कि उन्होंने इस विचार (रूस की मदद) को त्यागा नहीं है. मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह एक गलत फैसला होगा.’
राइडर ने कहा, ‘हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि अगर वे ऐसा करते हैं तो इसके क्या परिणाम होंगे. यह इस संघर्ष को अनावश्यक रूप से बढ़ाएगा, इसके परिणामस्वरूप अधिक निर्दोष लोगों की जान जाएगी क्योंकि रूस ने यूक्रेन के नागरिकों के खिलाफ अपना अभियान जारी रखा है.’
उन्होंने कहा कि अंतत: फैसला चीन को करना है, लेकिन सवाल यह है कि क्या एक देश के तौर पर चीन खुद को उन देशों के खेमे में रखना चाहता है, जो एक राष्ट्र के तौर पर यूक्रेन को खत्म करना चाहते हैं और निर्दोष लोगों को जान लेना चाहते हैं. यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से चीन बड़ी तेजी से रूस का सबसे अहम व्यापारिक पार्टनर बनता जा रहा है. वहीं कुछ दिन पहले अमेरिका ने कहा था कि चीन, रूस को हथियार और गोला-बारूद देने के बारे में विचार कर रहा है. हालांकि चीन ने इस आरोपों का खंडन किया था.
हाल ही में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करने की जानकारी दी थी. हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया था कि ये मुलाकात कब और कहां होगी. चीन इस वक्त हथियार और गोला-बारूद बनाने की अपनी क्षमता को बढ़ावा दे रहा है और अब वो दुनिया का चौथा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश बन गया है. अमेरिका ने एक चीनी कंपनी पर भी प्रतिबंध लगाए हैं, जिनके बारे में अमेरीका का कहना है कि वो यूक्रेन में लड़ रही रूस के भाड़े के सैनिकों वाली फौज को सैटेलाइट तस्वीरें देकर मदद कर रही है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved