डेस्क: चीन (China) की संस्थाओं ने भारत के खिलाफ ऑनलाइन जहर उगलना शुरू कर दिया है. भारत के खिलाफ चीन द्वारा सोशल मीडिया कैंपेन (China Social Media Campaign) चलाया जा रहा है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में सैन्य कार्रवाई की धमकी दी गई है. सोशल मीडिया पर कई सारे वेरिफाइड और अनवेरिफाइड अकाउंट्स से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (People’s Liberation Army) के जवानों के भारतीय सीमा (Indian border) पर मौजूद होने के पुराने वीडियो और तस्वीरों को शेयर किया जा रहा है.
द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भले ही चीन में ट्विटर पर प्रतिबंध लगा दिया गया हो. लेकिन भारतीय सीमा पर तैनात PLA सैनिकों की तस्वीरों और सूचनाओं से प्लेटफॉर्म भर गया है. इसकी वजह से भारतीय अधिकारियों को लद्दाख (Ladakh) और अरुणाचल दोनों सीमाओं पर हाई अलर्ट जारी करना पड़ा है. पिछले कुछ महीनों से भारतीय सैनिक (Indian Soldiers) सीमा पर मुस्तैद हैं और कड़ी निगरानी रख रहे हैं. चीन ने हाल ही में तिब्बत (Tibet) में बड़े पैमाने पर युद्धभ्यास भी किया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि सीमा पर चीन के नापाक मंसूबों पर खुफिया जानकारी भी मिली है.
चीन ने अरुणाचल सीमा पर विवादित क्षेत्र में 100 घरों वाला गांव बसाया
रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले हफ्ते भी सीमा से जुड़ी जानकारी सुरक्षा अधिकारियों को सौंपी गई है. इन सबके बाद से ही ट्वीटर पर चीन के समर्थन वाले पोस्ट की बाढ़ आ गई है. भारतीय अधिकारियों द्वारा इन पर नजर रखी जा रही है. खासतौर पर इस निगरानी में तब से अधिक इजाफा हुआ है, जब से पेंटागन (Pentagon) ने चेताया है कि चीन अपने सीमा संबंधी दावों को लेकर लगातार कार्रवाई कर रहा है और अरुणाचल सीमा पर विवादित क्षेत्र में 100 घरों का गांव तक बना लिया है. इस तरह सीमा पर चीन के नापाक मंसूबों के बारे में जानकारी मिलती है. चीन यहां अपनी मौजूदगी को बढ़ाने में जुटा है.
विदेशों में भी PLA के लिए लोकेशन बना रहा चीन
आईएएनएस की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने पाकिस्तान (Pakistan), श्रीलंका, सेशेल्स सहित कई देशों को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की फैसिलिटी के लिए एक लोकेशन के रूप में माना है. चीन PLA को अधिक दूरी पर सैन्य शक्ति को बनाए रखने योग्य बनाने के लिए एक अधिक मजबूत विदेशी रसद और बुनियादी ढांचा स्थापित कर रहा है. चीन ने श्रीलंका में पहले से ही एक पोर्ट अपने कब्जे में लिया हुआ है. इसके अलावा, बीजिंग (Beijing) दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में भी अपनी मौजूदगी को बढ़ाने के लिए कृत्रिम द्वीप बना चुका है.
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