इंदौर। न्याय नगर एक्सटेंशन में बड़ी संख्या में अवैध मकान बने हैं, जिनमें रजिस्ट्रियों के साथ-साथ नोटरी भी है। दरअसल 7 एकड़ से अधिक जमीन खाली कराई जाना है, जिसके चलते यहां बने मकानों को तोडऩा पड़ेगा। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी इस बारे में स्पष्ट आदेश दे चुका है और जमीन मालिक की ओर से अवमानना की प्रक्रियाभी शुरू कर दी है। जिन मकानों को तोड़ा जाना है, उन पर निशान भी लगवाए गए। कल जब निशान लगाए जा रहे थे, तब भी रहवासियों ने काफी हंगामा मचाया और शासन-प्रशासन से गुहार भी लगाई कि उनकी कोई गलती नहीं है। मकान तोड़ दिए तो वे कहां जाएंगे।
कुछ रहवासियों को सिंगल बेंच से स्टे भी मिल गया था। हालांकि उसके भी खारिज होने की चर्चा चल रही है। इसका कारण यह है कि डबल बेंच इन मकानों को हटाने के स्पष्ट आदेश दे चुकी है और उसके पहले सुप्रीम कोर्ट से भी आदेश आ चुके हैं। दरअसल न्याय विभाग कर्मचारी गृह निर्माण की ये कॉलोनी शुरू से ही विवादित रही है। न्याय नगर और उसके एक्सटेंशन में बड़े पैमाने पर अवैध मकान बने हैं। यही कारण है कि प्रशासन गृह निर्माण संस्थाओं के खिलाफ जब भी कार्रवाई करता है, तब न्याय नगर का मामला अधर में ही रहता है, क्योंकि 300 से ज्यादा मकानों को तोडऩा आसान नहीं है। मगर श्रीराम बिल्डर्स की जमीन को खाली कराने के स्पष्ट अदालती आदेश हो चुके हैं, जिसके चलते प्रशासन को जमीन खाली करवाना है। अभी मोहर्रम के चलते पुलिस बल न मिलने के कारण प्रशासन और निगम ने एक-दो दिन के लिए कार्रवाई रोकी है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved