भोपाल। संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विभाग भोपाल ने 27 जून को सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर खरीफ 2022 के फसल बीमा का प्रचार-प्रसार के निर्देश जारी किए थे। निर्देश में साफ कहा गया है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों का फसल बीमा कराया जाए। लेकिन फसल बीमा का प्रचार प्रचार नहीं होने के कारण किसान इसका फायदा नहीं उठा पा रहे हैं। जबकि 31 जुलाई बीमा कराने की अंतिम तारीख है। जानकारी के अभाव में किसान अब सरकारी योजनाओं का लाभ लेने आगे नहीं आ रहे हैं। जबकि ऋणि या अऋणि किसान भी कियोस्क से फसल बीमा करा सकते हैं। ऐसे में बीमा न कराने वाले किसान अतिवृष्टि या अन्य आपादा से हुए नुकसान के वाबजूद मुआवजा राशि से वंचित रह जाते हैं। क्योंकि प्रचार-प्रसार के अभाव में किसानों को जानकारी नहीं लग पाती है, वहीं दूसरी ओर ऋणि और अऋणि किसानों के लिए बीमा का ऑप्शन होने की जानकारी न होने से भी किसान बीमा नहीं करा पाते हैं।
सभी किसान करा सकते हैं बीमा
ऋणी और गैर-ऋण वाले दोनों किसानों को राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल में नामांकित किया जाना है। किसानों को मौसमी फसल ऋण देने वाले बैंक पोर्टल में डेटा अपलोड करने के लिए जिम्मेदार हैं। गैर-कर्जदार किसानों, बिचौलियों, आम सेवा केंद्रों के मामले में, किसानों को अपनी और अन्य एजेंसियों पर नेशनल पोर्टल में डेटा अपलोड करने के साथ-साथ 4 दस्तावेजों को भी अपलोड करना है। एनईएफटी के माध्यम से प्रीमियम का भुगतान किया जाता है।
फसल परिवर्तन की सूचना बैंकों को अनिवार्य रूप से दें
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में वर्ष 2022-23 में खरीफ और रबी के लिए किसानों की अधिसूचित फसलों का बीमा कराने क्लस्टरवार निर्धारित बीमा कम्पनियों को कार्यादेश जारी कर दिये गये हैं। किसानों द्वारा बोई गई फसल में परिवर्तन पर संबंधित बैंकों को 29 जुलाई तक अवगत कराना जरूरी है। किसानों की अधिसूचित फसलों का बीमा करने के लिये बैंकों द्वारा प्रीमियम नामे किये जाने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। अपर संचालक फसल बीमा ने बताया कि किसानों को बीमांकन की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2022 से दो दिन पहले 29 जुलाई तक संबंधित बैंक से सम्पर्क कर बोई गई वास्तविक फसल की जानकारी अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना होगी।
एनसीआईपी पर भू-अभिलेख एकीकरण का कार्य जारी
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ-2022 के लिये प्रदेश में नेशनल क्रॉप इंश्योरेंस पोर्टल (एनसीआईपी) पर भू-अभिलेख के एकीकरण का कार्य किया जा रहा है। पंजीयन के समय कृषक की भूमिधारिता संबंधी जानकारी भू-अभिलेख के आधार पर पोर्टल में ड्रॉप-डाउन पर उपलब्ध हो सकेगी। बीमाकर्ता (बैंकर्स, कॉमन सर्विस सेंटर और स्वयं कृषक) संगत खसरा नम्बर का चयन कर धारित भूमि का बीमा कर सकेगा। किसानों को समय पर सही पॉलिसी जारी करने के लिये नेशनल क्रॉप इंश्योरेस पोर्टल (एनसीआई) पर जानकारी दर्ज होना जरूरी है। बैंकों को निर्देश दिये गये हैं कि किसानों के बीमा पंजीयन के दौरान खसरा नम्बर तथा बीमित भूमि के क्षेत्रफल की सही-सही जानकारी पोर्टल पर दर्ज करें।
जिन्हें बीमा नहीं करना वे बैंक को करें सूचित
योजना विगत वर्षों से स्वैच्छिक कर दी गई है। ऐसी स्थिति में जिन किसानो को फसलों का बीमा नहीं कराना है ऐसे किसान बीमांकन की अंतिम तिथि से 7 दिवस पूर्व अर्थात 24 जुलाई 2022 तक बैंक को निर्धारित प्रपत्र में सूचित कर दें कि वे इस वर्ष योजना में सम्मिलित नहीं होना चाहते हैं। वहीं अधिसूचित क्षेत्र के अऋणी कृषक अपनी अधिसूचित फसलों का बीमा अपने संबंधित बैंक व लोकसेवा केंद्र एवं निर्धारित बीमा कंपनी के प्रतिनिधि के माध्यम से स्वैच्छिक रूप से करा सकते है।
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