इंदौर। गृह निर्माण संस्थाओं के फर्जीवाड़े की जांच प्रदेश सरकार कई मर्तबा करा चुकी है और जब हल्ला मचता है, तब कुछ कार्रवाई भी होती है। उसके बाद फिर जमीन घोटाले ठंडे बस्ते में चले जाते हैं। बहुचर्चित संस्था देवी अहिल्या श्रमिक कामगार में भी जमीनों की तमाम गड़बडिय़ां हुईं और 2005-06 से इसका ऑडिट भी नहीं हुआ। अभी कुछ मामले सामने आने के बाद सहकारिता की नींद खुली।
देवी अहिल्या गृह निर्माण के पास ही सबसे अधिक जमीनें रहीं, जिसकी अयोध्यापुरी, श्रीमहालक्ष्मी नगर से लेकर अन्य कॉलोनियां हैं, जिनके पीड़ित सालों से भूखंड हासिल करने के लिए प्रयास कर रहे हैं, वहीं संस्था पर काबिज भूमाफियाओं ने सदस्यों की जमीनों को रसूखदारों को बेच दिया, जिसमें सिम्प्लेक्स से लेकर बेसटेक, क्यूसर हॉक व अन्य निजी कम्पनियां शामिल रहीं। अभी इंदौर विकास प्राधिकरण ने दो आवंटित भूखंडों की जांच शुरू की, जो कि देवी अहिल्या की ही जमीनों से संबंधित हैं, जिसके चलते अब सहकारिता विभाग ने ऑडिट कराने का निर्णय लिया। हालांकि हाईकोर्ट ने कुछ वर्ष पूर्व 15 दिन में 2009-10 का ऑडिट करने के निर्देश भी दिए थे। बावजूद इसके विभाग ने यह ऑडिट नहीं कराया और अब तीन सदस्यों की ऑडिट टीम गठित कर यह कार्य कराया जाएगा।
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