नई दिल्ली (New Delhi)। वाणिज्य और उद्योग मंत्री (Commerce and Industry Minister) पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों (Global challenges.) के बावजूद चालू वित्त वर्ष (this financial year) में भारत का वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात (India’s export of goods and services) 800 अरब डॉलर ($800 billion ) को पार कर जाने की उम्मीद है। इससे पहले, वित्त वर्ष 2023-24 में निर्यात 778.2 अरब डॉलर (वस्तुएं 437.1 अरब डॉलर और सेवाएं 341 अरब डॉलर) रहा था।
उद्योग मंत्री ने कहा कि वैश्विक स्थिति गंभीर है, क्योंकि यूक्रेन-रूस और इस्राइल-हमास के बीच युद्ध और लाल सागर संकट अभी भी जारी है। मंत्री ने कहा कि यूरोप जैसे कुछ प्रमुख लोकतांत्रिक देशों में चुनाव भी हो रहे हैं। गोयल ने संवाददाताओं से कहा, ऐसी स्थिति में यह सकारात्मक संकेत है कि हमारा निर्यात बढ़ रहा है (मई में नौ प्रतिशत की वृद्धि) और इससे यह पता भी चलता है कि दुनिया भारत के साथ व्यापार और निवेश करना चाहती है। वह रत्न एवं आभूषण निर्यातकों के एक कार्यक्रम में शनिवार को भाग लेने के लिए यहां आए थे। गोयल ने कहा कि 800 अरब डॉलर के निर्यात के लिए मंत्रालय विदेश स्थित भारतीय मिशनों और निर्यात संवर्धन परिषदों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष चालू खाता घाटा (सीएडी) भी कम हुआ है। ऐसे में निर्यात बढ़ेगा, विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा। भारत ने मार्च तिमाही में 5.7 अरब डॉलर या जीडीपी के 0.6 प्रतिशत के बराबर चालू खाता अधिशेष दर्ज किया। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर ध्यान केंद्रित करने से तेल आयात को कम करने में मदद मिलेगी। मंत्रालय विशेष रूप से मूल्य वर्धित वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए मसालों, रबर, तंबाकू, चाय और कॉफी सहित बागान बोर्डों के साथ चर्चा कर रहा है।
हीरा पॉलिश उद्योग को बढ़ावा देने के लिए ईयू और जी-7 देशों के संपर्क में
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत ने घरेलू हीरा पॉलिश उद्योग के हितों की रक्षा के लिए यूरोपीय संघ (ईयू) और जी-7 देशों की ओर से रूसी मूल के बिना पॉलिश किए हुए हीरों के आयात पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे को प्राथमिकता से उठाया है। गोयल ने कहा, हमारा मंत्रालय और रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद यूरोपीय संघ और जी-7 देशों के साथ लगातार संपर्क में हैं।
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