दुनिया के सबसे अमीर आदमियों में से एक के घर में पैदा होना ‘किस्मत’ की बात है। इसलिए लोग मानते भी हैं जो अमीर घर में पैदा होता है उसकी जिंदगी सबसे मस्त होती है। लेकिन मुकेश अंबानी और नीता अंबानी के बच्चों के साथ ऐसा नहीं था। आपने कभी सोचा भी नहीं होगा कि जब ईशा, आकाश और अनंत अंबानी स्कूल जाया करते थे तो उन्हें जेब खर्च के लिए कितने रुपये मिलते थे। आप सोच रहे होंगे कि उन्हें तो मोटी पॉकेट मनी मिलती होगी। लेकिन भैया, नीता अंबानी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वे बच्चों को 5 रुपये देती थीं। जी हां, आपने एकदम सही पढ़ा है।
जब छोटे बेटे ने मांगे 10 रुपये
देश में सबसे अमीर परिवार होने के बावजूद अंबानी ने अपने बच्चों को मिडिल क्लास वेल्यूज के साथ पाला है। दरअसल, बात 2011 की है। एक इंटरव्यू में नीता अंबानी ने खुलासा किया था कि वे अपने बच्चों को कितना जेब खर्च देती थीं। एक घटना को याद करते हुए नीता अंबानी ने बताया था, ‘जब मेरे बच्चे छोटे थे तब मैं उन्हें हर शुक्रवार को 5 रुपये दिया करती थी ताकि वे स्कूल कैंटीन में खर्च कर सकें। एक दिन, मेरा छोटा बेटा अनंत मेरे बेडरूम में दौड़कर आया और मुझसे 10 रुपये की मांग करने लगा।’
‘तू अंबानी है या बिखारी’
उन्होंने आगे बताया, ‘जब मैंने उससे पूछा कि क्यों चाहिए तुम्हें 10 रुपये, तो उसने कहा कि जब वो स्कूल में 5 रुपये का सिक्का अपने दोस्तों को दिखाता तो वे उस पर हंसते और कहते थे कि ‘तू अंबानी है या भिखारी।’ यह बात सुन कर नीता अंबानी और मुकेश अंबानी को हंसी आ गई थी।
टीचर बनना चाहती थीं नीत अंबानी!
मुकेश अंबानी के साथ शादी में बंधन में बंधने से पहले, नीता अंबानी टीचर बनने की ख्वाहिश रखती थीं। हालांकि, शादी के बाद उन्होंने अपने परिवार की जिम्मेदारी संभाल ली। उन्होंने इंटरव्यू में अपनी परवरिश के बारे में भी बताया था कि कैसे उनकी मां अनुशासन को लेकर सख्त थीं। इसके कारण उन्हें एक साल में चार बार ही बाहर जाने को मिलता था। और हां, पॉकेट मनी भी नहीं मिलती थी।
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