नई दिल्ली। माल ढुलाई में रिकॉर्ड कायम (record set) करने वाला भारतीय रेलवे (Indian Railways) अब वैगन के नए डिजाइन बनाने के साथ बुनियादी ढांचे (Basic Infrastructure) को भी दुरुस्त करने में जुट गया है। रेलवे के इस कदम से वाहन निर्माताओं की ढुलाई की लागत तो आधी होगी ही, वहीं दूसरी तरफ रेलवे भी कार और खासकर स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) की दोगुनी ढुलाई कर सकेगा।
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रेलवे के नए वैगन (new wagons of railways) आकार में पहले से लंबे होंगे। जिससे उसी मालगाड़ी में ज्यादा कारें और खासकर एसयूवी की ढुलाई हो सकेगी। मौजूदा डबल डेकर वैगनों का आकार कापी छोटा है, जिससे दोनों डेक में कारों की ढुलाई नहीं हो सकती है। डिजाइन किए जा रहे नए वैगनों की ऊंचाई ज्यादा होगी। इसमें ऊपरी व निचली दोनों डेक में एसयूवी की ढुलाई हो सकेगी। नए वैगन में अभी के तुलना में दोगुने एसयूवी की ढुलाई हो सकेगी।
वैगनों के डिजाइन में बदलाव की मांग लंबे समय से वाहन निर्माताओं द्वारा की जा रही थी। क्योंकि इससे एसयूवी की ढुलाई की लागत आधी हो जाएगी। इस समय रेलवे नए मॉडिफाइड गुड्स (एनएमजी) वैगनों का इस्तेमाल करती है। इसका डिजाइन बिल्कुल वैसा ही है, जैसा नियमित यात्री ट्रेनों का होता है। इसमें एक वैगन में 3-4 वाहन ले जाए जा सकते हैं, जो वाहन की लंबाई पर निर्भर है। रेलवे डबल डेकर वैगनों का भी इस्तेमाल करता है। बहरहाल वैगनों के ऊपरी डेक की लंबाई और चौड़ाई एसयूवी की ढुलाई के अनुकूल नहीं है। इसमें मुख्य रूप से हैचबैक और दोपहिया की ढुलाई हो सकती है।
सूत्र ने आगे बताया कि नए वैगन को नमूने के तौर पर तैयार किया जा रहा है और उसका परीक्षण हो रहा है। एक और डिजाइन को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है, इसके बाद उपयोग के हिसाब से वैगनों का निर्माण व परीक्षण होगा। नए डिजाइन के जरिए रेलवे 2027 तक 300 मिलियन टन ढुलाई का लक्ष्य रखा है। यह 2021-22 के 1,418 टन ढुलाई की तुलना में यह दोगुना है। इसके इस्तेमाल से सड़क मार्ग से ढुलाई का बड़ा हिस्सा रेलवे के खाते में चला जाएगा। इस समय कुल पीवी की ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी 16 फीसदी है।
जानकारों का कहना है कि रेलवे द्वारा तैयार इन नए वैगन से रेलवे की ढुलाई क्षमता तो बढ़ेगी। साथ ही सड़कों पर भीड़ भी कम होगी। इससे कार्बन उत्सर्जन घटेगा और ग्राहकों का आधार भी तेजी से बढ़ेगा। इस समय ज्यादातर कारों की ढुलाई सड़क मार्ग से होती है। जिसमें ज्यादा ईंधन का इस्तेमाल होता है, जो पर्यावरण के प्रतिकूल है और महंगा भी है।
रेलवे ने चालू वित्त वर्ष में 2,206 रैक यात्री वाहन (पीवी) देश भर में पहुंचाए हैं। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में इसमें 68 फीसदी की वृद्धि हुई है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के मुताबिक वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में कुल बिकी 22.7 लाख पीवी में करीब आधी यूटिलिटी व्हीकल (यूवी) थीं। वित्त वर्ष 23 की पहली छमाही में कुल मिलाकर पीवी की बिक्री 35.5 फीसदी बढ़ी है, वहीं यूवी की बिक्री में 45.51 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यूवी सेगमेंट में एसयूवी और एमयूवी (मल्टी यूटिलिटी व्हीकल) शामिल हैं।
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