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Punjab Election: वोटों का कुनबा है डेरा, राम रहीम भी जेल से बाहर, चुनाव पर क्या होगा असर, जानें…

February 07, 2022


चंडीगढ़: दुष्‍कर्म और हत्‍या के केस में सजा काट रहे सिरसा डेरा प्रमुख राम रहीम गुरमीत सिंह (Dera chief Ram Rahim Gurmeet Singh) को 21 दिन की फरलो मिल गई है. यानी कि वह 28 फरवरी तक अब जेल से बाहर रहेंगे. उनको फरलो दिए जाने की टाइमिंग पर अब सवाल उठने लगे हैं. उनकी इस फरलो को पंजाब चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है. फरलो का मतलब है कि वह 21 दिन तक सामाजिक जीवन बिता सकेंगे. आपको बताने जा रहे हैं कि डेरा सच्चा सौदा कैसे पंजाब की सियासत में भूमिका अदा करता है.

बीबीसी हिंदी की एक रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा में 2014 और 2019 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की जीत में भी डेरा सच्चा सौदा ने एक बड़ी भूमिका निभाई थी. मामले की जानकार प्रोफेसर खालिद की माने तो अतीत में बीजेपी ने डेरे को पूरा समर्थन दिया था. पंजाब में जिन डेरों का प्रभाव ज़्यादा है, उनमें डेरा सच्चा सौदा, राधा स्वामी सत्संग, डेरा नूरमहल, डेरा निरंकारी, डेरा सचखंड बल्लां और डेरा नामधारी शामिल हैं. चंडीगढ़ स्थित इंस्टिट्यूट फॉर डेवलपमेंट एंड कम्युनिकेशन की रिसर्च के अनुसार पंजाब की कुल 117 सीटों में से ये डेरे 56 सीटों पर प्रभावी हैं और उनमें चुनाव नतीजों पर असर डाल सकते हैं.


2007 में कांग्रेस को समर्थन दिया था डेरा ने
चुनाव आते ही राजनीतिक पार्टियों के नेताओं में इन डेरों का समर्थन हासिल करने की होड़ लग जाती है.पंजाब में 2007 के विधान सभा चुनावों में डेरा सच्चा सौदा ने अपने अनुयायियों को कांग्रेस पार्टी के लिए वोट करने का निर्देश दिया था. इसका नतीजा ये हुआ कि शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार कई ऐसी जगहों से चुनाव हार गए जिन्हें अकालियों का गढ़ माना जाता था. लेकिन इसके बावजूद शिरोमणि अकाली दल पंजाब में भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने में सफल रहा और डेरा सच्चा सौदा के साथ उसके संबंधों में खटास आ गयी. 2007 के चुनावों में अकाली दल को 48 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं थीं. लेकिन अकाली दल की चुनावी पार्टनर बीजेपी को मिलीं 19 सीटों की बदौलत अकाली दल को सरकार बनाने में कोई दिक्कत नहीं हुई थी.

2012 में किसी को समर्थन नहीं दिया
2012 के पंजाब विधान सभा चुनावों में कैप्टन अमरिंदर सिंह डेरा सच्चा सौदा से समर्थन मांगने के लिए गुरमीत राम रहीम से मिले थे. लेकिन उस साल डेरे ने किसी भी पार्टी के लिए समर्थन की खुली घोषणा नहीं की. राजनीतिक जानकार कहते हैं कि डेरा अकाली दल से अपने बिगड़े हुए संबंध सुधारना चाहता था इसलिए उसने अकाली उम्मीदवारों का समर्थन किया था. इस चुनाव में अकाली दल ने अपने पिछले प्रदर्शन को सुधरते हुए 56 सीटें जीतीं.

2017 में अकाली दल को मिला समर्थन
दो साल बाद 2014 के लोक सभा चुनावों में डेरा सच्चा सौदा ने अकाली दल उम्मीदवार हरसिमरत कौर बादल की बठिंडा से जीत सुनिश्चित करने में भूमिका निभाई. साल 2014 में ही डेरा सच्चा सौदा ने हरियाणा विधान सभा चुनावों में बीजेपी का समर्थन किया और उसकी जीत में एक बड़ी भूमिका निभाई. हरियाणा विधान सभा के चुनाव प्रचार के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सिरसा में एक रैली में गुरमीत राम रहीम के प्रति सम्मान व्यक्त किया था. जानकार मानते हैं कि 2017 के पंजाब विधान सभा चुनावों में भी डेरा सच्चा सौदा ने चतुराई से अकाली दल का साथ दिया जिसकी बदौलत अकाली बुरी तरह चुनाव हारने के बावजूद 25 फीसदी वोट-शेयर बरकरार रखने में कामयाब हुए.

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