चंडीगढ़: उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर रंधावा ( Deputy CM Sukhjinder Randhawa) के दामाद को अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त किए जाने को लेकर विपक्षी दलों के बाद कांग्रेस के ही विधायकों ने पंजाब सरकार पर निशाना साधा है. सोमवार को जारी एक अधिसूचना के अनुसार, अधिवक्ता तरुण वीर सिंह लेहल (Tarun Vir Singh Lehal) को पंजाब के महाधिवक्ता के कार्यालय में 31 मार्च तक के लिए अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त किया गया है.
इसके बाद कादियान से कांग्रेस विधायक फतेह जंग बाजवा ने नैतिक आधार पर रंधावा का इस्तीफा मांगा है. उन्होंने रंधावा को चुनौती देते हुए कहा, ‘अगर वह एक सच्चे कांग्रेसी हैं’ तो पद छोड़ दें. बाजवा ने राहुल गांधी और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) समेत पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व से भी हस्तक्षेप की मांग की है, साथ ही लेहल को पद से हटाने की मांग की है. कादियान विधायक (Qadian Punjab) ने आरोप लगाया कि सरकार के कार्यकाल के अंत में महत्वपूर्ण नियुक्ति नैतिक नहीं है और यह चुनावी मुद्दा बन सकता है.
बाजवा ने कहा, ‘रंधावा ने हंगामा किया और इसे भाई-भतीजावाद कहा. वह (रंधावा) अब पंजाब के लोगों को स्पष्टीकरण दें. बाजवा ने कहा, ‘सिद्धू पार्टी नेताओं से ‘सही सवाल कर रहे हैं.’ नेता पंजाब के लोगों की सेवा करने के बजाय अपने परिवारों की सेवा कर रहे हैं.’
बाजवा के बेटे को भी मिली थी पुलिस में नियुक्ति लेकिन…
कुछ महीने पहले पंजाब में भी ऐसी ही स्थिति सामने आई थी जब बाजवा के बेटे अर्जुन को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी की पेशकश की गई थी. तब रंधावा ने इसका विरोध किया था. बाजवा के बेटे को पंजाब पुलिस में नियुक्त किया गया था. इसके बाद तत्कालीन मंत्री सुखजिंदर रंधावा, तृप्त बाजवा, सुखबिंदर सरकार, चरणजीत सिंह चन्नी और रजिया सुल्ताना के अलावा सुनील जाखड़ ने आपत्ति जताई.
सभी ने बाजवा से कहा कि वह प्रस्ताव स्वीकार ना करें. बाजवा के बेटे की नियुक्ति का विरोध करने वाले चन्नी अब मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने सितंबर में अमरिंदर सिंह की जगह ली थी. लेहल की नियुक्ति सिद्धू द्वारा एडवोकेट जनरल एपीएस देओल सहित प्रमुख सरकारी नियुक्तियों पर आपत्ति जताए जाने के कुछ ही दिनों बाद हुई है. सिद्धू मंत्रियों के साथ-साथ मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर भी निशाना साध रहे हैं.
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