आज से मतदान केन्द्रों पर रहेंगे मौजूद, प्रशासनिक कार्य विभाजन में पहली बार महिला अफसर को दिया महत्वपूर्ण एडीएम का जिम्मा
इंदौर।
आयोग के निर्देश पर मतदाता सूची (Voter List) के परीक्षण का अभियान शुरू हो गया है। कल स्टैंडिंग कमेटी (Standing Committee) की बैठक भी कलेक्टर (Collector) ने ली और आज से मतदान केन्द्रों (Polling Stations) पर बीएलओ (BLO) बैठेंगे। लगभग 3 हजार बीएलओ, सुपर वाइजरों और सेक्टर अधिकारियों की ड्यूटी चुनावी कार्य के लिए लगाई गई है, वहीं विधानसभावार ईआरओ और एईआरओ भी नियुक्त कर दिए हैं। प्रशासनिक कार्य विभाजन के तहत कल शाम महिला अधिकारी को एडीएम का महत्वपूर्ण जिम्मा भी सौंपा गया है।
देपालपुर में रवि वर्मा, विधानसभा 1 में ओम नारायण सिंह, विधानसभा 2 में अक्षयसिंह मरकाम, विधानसभा 3 में घनश्याम धनगर, 4 में अजीत श्रीवास्तव, विधानसभा 5 में कल्याणी पांडे, महू में विनोद राठौर, राऊ में विजय मंडलोई और सांवेर में गोपालसिंह वर्मा को निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी बनाया गया है। वहीं 2486 मतदान केन्द्रों के लिए इतने ही बीएलओ नियुक्त किए गए, तो 228 सुपर वाइजर और 232 सेक्टर अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। सभी 9 विधानसभा सीटों पर फिलहाल 26 लाख 4 हजार 871 मतदाता हैं और अभी पुनरीक्षण के चलते 72 हजार से अधिक मतदाता बढ़ने की संभावना भी है। 12899 दिव्यांग मतदाताओं की भी सूची तैयार की गई है। वहीं कल शाम कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने अपर कलेक्टरों के बीच कार्य विभाजन किया, जिसमें सपना लोवंशी को एडीएम का महत्वपूर्ण जिम्मा भी अन्य कार्यों के साथ दिया गया है। कालोनी सेल का भी जिम्मा पहले से उनके पास है। वहीं खाद्य और नागरिक आपूर्ति, जिला व्यापार उद्योग, शहरी विकास अभिकरण सहित अन्य ढेरों विभागों का जिम्मा भी सौंपा गया है। वहीं दूसरे अपर कलेक्टर रोशन राय को राऊ, मल्हारगंज, सांवेर के साथ जनगणना, धर्मस्व, विभागीय जांच के अलावा कृषि उपज मंडी में भार साधक अधिकारी और वैष्णव पोलिटेक्निक के प्रशासक का जिम्मा सौंपा है। इसी तरह राजेन्द्रसिंह रघुवंशी को खुड़ैल, हातोद, देपालपुर की जिम्मेदारी के साथ निर्वाचन, खनीज और अन्य जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही कलेक्टर ने लिंक अधिकारियों को भी तय कर दिया। सपना लोवंशी के लिंक अधिकारी रोशन राय और उनके लिंक अधिकारी राजेन्द्रसिंह रघुवंशी और रघुवंशी की लिंक अधिकारी सपना लोवंशी रहेगी। यह पहला मौका है जब जिले में अधिकांश प्रशासनिक अधिकारी नहीं पदस्थ हुए हैं, जिसके चलते चुनाव सहित अन्य चुनौतियों से निपटना भी महत्वपूर्ण रहेगा। देखना यह है कि नए अधिकारी इन चुनौतियों से कैसे निपटते हैं।
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