चंडीगढ़ । हरियाणा में (In Haryana) घने कोहरे और धुएं (Dense Fog and Smoke) ने रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित किया (Affect everyday Life) । मौजूदा हालातों के चलते सुबह से दोपहर तक दृश्यता 50 से 100 मीटर के बीच रही है। चूंकि कारों को दिनभर लाइट जलाकर चलना पड़ता है, इसलिए सड़क सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता बन गई है। इसके साथ ही तापमान में भी तेज गिरावट आई है। दिन के औसत तापमान में 4.4 डिग्री की गिरावट आई है, जो औसत से 3.3 डिग्री कम है।
भिवानी जिले में सर्दी का असर सबसे ज्यादा देखने को मिला। यहां अब तक का सबसे कम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कुछ दिन पहले तक हरियाणा के ज्यादातर इलाकों में गर्मी थी, लेकिन अब अचानक ठंड ने दस्तक दे दी है। प्रदूषण बढ़ने से ठंड और बढ़ गई है। हरियाणा में लोग ठंड के साथ-साथ खतरनाक हवा से भी जूझ रहे हैं।
वायु प्रदूषण के मामले में हरियाणा के कई शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक की रीडिंग खतरनाक रूप से उच्च देखी गई है। रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 380 पर पहुंच गया, हालांकि यह औसतन लगभग 303 पर ही रुका रहा। वायु गुणवत्ता सूचकांक 301 से 400 के बीच का स्तर काफ़ी खराब माना जाता है , जो की श्वसन संबंधी समस्याओं को पैदा कर सकता है। दूसरी ओर, 400-500 के स्तर को “बेहद गंभीर” के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, जो स्वस्थ व्यक्तियों को भी प्रभावित कर सकता है और पहले से ही अस्वस्थ लोगों की स्थिति को और खराब कर सकता है। जींद के निवासी भी इसी प्रतिकूल वातावरण में सांस लेने को मजबूर हैं।
हरियाणा के अलावा चंडीगढ़ में भी प्रदूषण का प्रकोप देखने को मिल रहा है। ‘सुंदर शहर’ चंडीगढ़ ने प्रदूषण के मामले में अब दिल्ली को पीछे छोड़ दिया है। इस शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक लगभग 369 है, जो एक गंभीर चेतावनी है। मौसम विभाग का अनुमान है कि पंजाब और चंडीगढ़ में 17 नवंबर तक धुंध का असर जारी रहेगा। फिलहाल बारिश की कोई संभावना नहीं है और यहां पिछले दो महीने से हवा की गुणवत्ता में गिरावट आ रही है। इस समय बहादुरगढ़ हरियाणा का सबसे प्रदूषित जिला है। यहां रविवार को पहली बार वायु गुणवत्ता सूचकांक 401-500 के गंभीर स्तर पर पहुंच गया। इसके अलावा, यह प्रदूषण भिवानी, सोनीपत और कई अन्य शहरों में फैल गया है। कई जिलों में स्कूलों ने छुट्टियां घोषित कर दी हैं। उदाहरण के लिए, सोनीपत में 18 नवंबर को और नूंह में 18 से 22 नवंबर तक छुट्टी रहेगी।
मौसम विभाग के विशेषज्ञों का अनुमान है कि हरियाणा में 12 नवंबर से 16 नवंबर तक धुंध का असर जारी रहेगा। इसकी वजह लगातार चल रहे पश्चिमी विक्षोभ हैं, जो हवाओं की दिशा बदल रहे हैं। उत्तर-पश्चिमी हवाओं ने धूल और प्रदूषण की मात्रा बढ़ाकर हवा को जहरीला बना दिया है। प्रशासन प्रदूषण को कम करने के लिए बहुत सारे कदम उठा रहा है। वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध, निर्माण पर रोक और स्कूल की छुट्टियाँ सभी की घोषणा की जा रही है। इसके अलावा, लोगों से घर से काम करने और निजी वाहनों के बजाय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने का आग्रह किया जा रहा है।
हमें अब पर्यावरण की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए, क्योंकि हरियाणा और आस-पास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने एक बार फिर चेतावनी दी है। प्रदूषण को कम करने के लिए, नागरिकों को पेड़ लगाने चाहिए, जितना संभव हो उतना कम वाहन चलाना चाहिए और मिलकर काम करना चाहिए। जब जनता सक्रिय रूप से भाग लेगी और अपनी भूमिका को समझेगी, तभी सरकार के कदम सफल होंगे। हमें इस गंभीर मुद्दे को हल करने और आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण की गारंटी देने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
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