नई दिल्ली/भोपाल/ग्वालियर। इस समय वैश्विक महामारी कोरोना का कहर बना हुआ तो वहीं दूसरी ओर देश के अनेक हिस्सों में कोहरे के साथ भीषण ठंड भी अपना असर दिखा रही है।
बता दें कि उत्तर-पश्चिम भारत (North-West India) के कुछ हिस्सों में पिछले तीन दिनों से घना कोहरा छाया हुआ है। मध्यप्रदेश में रविवार सुबह घना कोहरा ऐसा छाया कि विजिबिलिटी ही खत्म सी हो गई, कोहरा ऐसा छाया कि लोगों को दिन में ही लाइट जलानी पड़ी। तापमान में भारी गिरावट आई है। ग्वालियर और छतरपुर के नौगांव में पारा सबसे कम रहा। यहां तापमान 12 डिग्री सेल्सियस तक आ गया। यह पारा सामान्य से 10 डिग्री सेल्सियस कम रिकॉर्ड किया गया।
दूसरी ओर भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) ने कहा कि रविवार से शुरू होकर एक के बाद एक, दो पश्चिमी विक्षोभों (Western Disturbance) से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र प्रभावित होगा। मौस्म विभाग का कहना है कि चक्रवाती हवा पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western Uttar Pradesh) और आसपास के क्षेत्रों को प्रभावित कर सकती है। मध्यप्रदेश में रविवार सुबह घना कोहरा छाया रहा। इससे विजिबिलिटी खत्म सी हो गई। बादल भी छाए रहे। तापमान में भारी गिरावट आई है।
उम्मीद की जा रही थी कि मकर संक्रांति से सूर्य के उत्तरायण होते ही ठंड में कुछ कमी आएगी लेकिन ग्वालियर में मकर संक्रांति के दूसरे दिन तीव्र ठंड ने छह साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। शनिवार को सीजन के सबसे घने कोहरे के चलते दिन का तापमान 12.6 डिग्री सेल्सियस पर ही थम गया।
स्थानीय मौसम विज्ञान केन्द्र में मौजूद 1991 तक के रिकॉर्ड के अनुसार जनवरी माह में ग्वालियर में दिन का तापमान 12.6 डिग्री सेल्सियस या इससे नीचे कभी नहीं पहुंचा। हालांकि 15 जनवरी 2015 को दिन का तापमान 12.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले दो दिन तक मौसम ऐसा ही कूल-कूल रहने की संभावना है।
शनिवार को सुबह जब लोग नींद से जागे तो पूरा शहर घने कोहरे की सफेद चादर ओढ़े नजर आया। यह सीजन का सबसे घना कोहरा था और दृश्यता मात्र 25 मीटर थी। दिन चढऩे के साथ कोहरा धीरे-धीरे वायु मंडल में ऊपर उठता चला गया और दोपहर होते-होते कोहरा बादलों में परिवर्तित हो गया जिसके चलते दिन में एक बार भी सूरज के दर्शन नहीं हुए।
ठंड से थरथराते ज्यादातर लोग घरों में ही दुबके रहे। जो लोग जरूरी काम से घर से निकले भी तो ठीक वैसे ही तैयारी के साथ निकले जैसे वे बर्फीली पहाडिय़ों की सैर के लिए निकले हों। हर कोई गर्म वत्रों से नीचे से ऊपर तक ढंका हुआ था। वृद्धजन तो घर से बाहर निकलने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाए।
स्थानीय मौसम वैज्ञानिक सीके उपाध्याय ने बताया कि न्यूतनतम तापमान 7.2 और अधिकतम तापमान 12.6 डिग्री सेल्सियस रहने से ग्वालियर में आज सीवियर कोल्ड डे यानी सर्वाधिक ठंडा दिन दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि उत्तर भारत से आ रहीं बर्फीली हवाओं के चलते रविवार और सोमवार को भी ग्वालियर-चम्बल में कड़ाके की ठंड पडऩे के आसार हैं। इसके बाद एक बार फिर मौसम में परिवर्तन देखने को मिल सकता है क्योंकि उत्तर भारत में 16 और 18 जनवरी को लगातार दो पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना है।
वहीं आज यानि 16 जनवरी को एक कमजोर आवृति वाला और 18 जनवरी को तीव्र आवृति वाला पश्चिमी विक्षोभ आएगा। इससे वातावरण में नमी बढऩे से बादल छा जाएंगे जिससे न्यूनतम तापमान में उछाल आएगा और ठंड में भी कमी आएगी लेकिन इन मौसम प्रणालियों से अंचल में बारिश होगी या नहीं? इस बारे में अभी कहना मुश्किल है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved