भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में लगातार डेंगू अपने पैर पसरता जा रहा है. लगातार बढ़ रहे डेंगू (Dengue) के प्रकोप ने 1 दिन में आधा दर्जन लोगों को अपने चपेट में ले लिया है. हर रोज डेंगू से आधा दर्जन से ज्यादा केस आ रहे हैं. सरकारी आंकड़ों की मानें तो 9 महीनों में 335 केस आ चुके हैं. प्राइवेट में मरीजो का आंकड़ा अलग है. इन चौंकाने वाले आंकड़ो से पूरे भोपाल में दहश्त का माहौल है. स्वास्थ विभाग, नगर निगम और पंचायतों ने 100 सदस्यों की टीम बनाई है. ये टीमें अपने-अपने स्तर पर बचाव के तरीकों को कर रही हैं. CMHO डॉ प्रभाकर तिवारी ने बुखार आते ही डॉक्टर से जांच करवाने की हिदायत दी है.
भोपाल शहर में मच्छरों के प्रकोप को कम करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. डेंगू जैसी बीमारियों को कम करने के लिए नगर निगम की 12 मशीनों से शहर में फॉगिंग की जा रही है. फॉगिंग से कीटनाशक दवाओं का धुंआ छोड़ा जा रहा है. इससे मच्छरों के प्रजनन और उनके संक्रमण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी.
घरों में जांच के दौरान लगभग 8 से 10 हजार घरों में लार्वा पाया गया. भोपाल CMHO प्रभाकर तिवारी ने कहा कि हमेशा मानसून के सीजन में ही हालात बिगड़ते है.उन्होंने लोगों को सावधानी बरतने का कहा. CMHO के मुताबिक डेंगू मच्छर अक्सर घर, दफ्तर और बंद कमरों में रहते हैं. उन्होंने लोगों को कहा कि कहीं पर भी पानी जमा नहीं होने दें. पानी भरने वाली जगह को साफ करने के आदेश दिए हैं.
राजधानी भोपाल के बैरागढ़, करोंद, शाहीदनगर, शाहपुरा, द्वारकानगर, पिपलिया पैदे खां, हबीबगंज, एम्स होस्टल, बागसेवनिया, बरखेड़ा, अवधपुरी और खजूरी कलां में सबसे ज्यादा डेंगू का प्रकोप छाया हुआ है. इन सभी जगहों में 335 मरीज आ चुके हैं. वहीं यहां के 10 हजार से ज्यादा घरों के फूल, पौधों के गमले, पानी के बर्तन, कूलर और फ्रीज में लार्वा मिला है. CMHO डॉ प्रभाकर तिवारी के अनुसार ये मच्छर बाहर कम बंद कमरों में ज्यादा 100 मीटर के दायरे में रहते है.
CMHO का कहना है कि मौसम बदलने के बाद भी कूलर के पानी को नहीं बदला जाए तो डेंगू के मच्छर पनपते है. इसलिए उन्होंने लोगों से कूलर में पानी भरने के बाद उसे समय-समय पर बदलने को कहा. उन्होंने आगे कहा कि कूलर के अलावा फ्रीज और मनी प्लांट में भी कई बार पानी भर जाता हैं. फ्रीज और मनी प्लांट से पानी निकालकर खाली करना चाहिए साथ ही समय-समय पर पानी को बदलते रहना चाहिए.
CMHO ने घर पर सामान्य जांच कर इलाज करवाने को सख्त मना किया है. उन्होंने लक्षण दिखने पर एलाइजा मेथड से टेस्ट करवाना जरूरी बताया है. साथ ही उन्होंने कहा कि बुखार आने पर डरे नहीं बल्कि अपने पास के स्वास्थ्य केंद्र में जाकर इलाज करवाएं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि ये मच्छर बाहर कम, बंद कमरों में ज्यादा पाए जाते हैं. इनका खतरा 100 मीटर के दायरे में सबसे ज्यादा रहता है.
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