इंदौर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भारी बारिश (Heavy Rain) का सिलसिला जारी है. प्रदेश और देश के सबसे साफ सुथरे शहरों में शुमार इंदौर (Indore) में डेंगू (Dengue) ने तेजी से पांव पसारना शुरू कर दिया है. यहां पिछले 24 घंटों में डेंगू के 12 नए मामले सामने आए हैं. इसकी खबर मिलते हैं प्रशासन में हड़कंप मच गया. इस दौरान इंदौर में डेंगू से एक मरीज की मौत भी हो गई है, जो इस साल डेंगू से हुई पहली मौत है. स्वास्थ्य विभाग ने अब तक कुल 298 डेंगू के मामलों की पुष्टि की है. इस बीमारी के तेजी से फैलने की वजह से प्रशासन के साथ आम लोगों की चिंता बढ़ गई है.
विशेष तौर पर इंदौर के पालदा क्षेत्र में जहां एक 16 वर्षीय छात्र की डेंगू से मौत हो गई. स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए त्वरित प्रभाव से सभी जरुरी कदम उठाए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है. इससे पहले जुलाई और अगस्त में भी डेंगू का कहर इंदौर में देखने को मिला था. इंदौर संभाग में अगस्त माह तक मच्छर जनित बीमारियों डेंगू और मलेरिया के 338 मामले दर्ज किए गए थे. हैरानी वाली बात यह कि इनमें से 251 डेंगू के मामले अकेले इंदौर में पाए गए थे, जो इंदौर संभाग के सभी जिलों में 74 फीसदी है.
जुलाई माह में भी इंदौर में डेंगू के 90 मामले सामने आए थे. इस दौरान जुलाई में सिर्फ एक दिन में 50 मामले सामने आए थे. जिनमें 91 पुरुष और 69 महिलाएं डेंगू से संक्रमित पाए गए, इसके अलावा 13 बच्चों पर भी डेंगू का प्रकोप देखने को मिला है. स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के प्रभावी रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान के साथ जलजमाव की स्थिति से निपटने पर जोर दिया है.
अधिकतर मच्छर जनित बीमारी पानी में पनपते हैं, जबकि डेंगू के मच्छर साफ पानी में पैदा होते हैं. यह आम तौर से लोगों पर निर्भर करता है कि वे जलभराव को रोकें और बीमारी से बचने के लिए पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें और मच्छरों के पनपने वाली जगह पर दवाओं का छिड़काव करें. इंदौर में इस बार मानसून शुरू होने से पहले जिला स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू को लेकर एडवाइजरी जारी किया था. इस एडवाइजरी में लोगों को जागरूक करते हुए बताया गया कि डेंगू से निपटने के लिए सावधानी सबसे असरकारक उपाय है.
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