दिल्ली के अस्पतालों डेंगू (Dengue) के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। पिछले तीन सप्ताह में हर दिन डेंगू के कम से कम तीन मरीज अस्पताल में भर्ती होने के लिए आ रहे हैं। हालांकि डेंगू के हर मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ती है। कई दिनों के बाद भी अगर बुखार (Fever) कम नहीं होता है और इसके साथ कुछ और लक्षण नजर आते हैं तो मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आ जाती हैं।
कब और कैसे फैलता है डेंगू-
डेंगू संक्रमण DEN-1, DEN-2, DEN-3, और DEN-4 वायरस से फैलता है। इन चारों वायरस को सीरोटाइप कहा जाता है क्योंकि ये चारों अलग-अलग तरीके से एंटीबॉडी (Antibodies) को प्रभावित करते हैं। आप अलग-अलग स्ट्रेन से चार बार भी डेंगू से संक्रमित हो सकते हैं। डेंगू का मौसम मानसून (weather monsoon) के बाद शुरू होता है और सर्दियों की शुरुआत तक रहता है। डॉक्टर्स का कहना है कि अभी की तुलना में पिछले साल डेंगू के मामले काफी कम थे।
कब खतरनाक हो जाता है डेंगू-
डॉक्टर्स के अनुसार डेंगू के मामले दो स्थितियों में ज्यादा गंभीर (Complications in Dengue) हो जाते हैं। पहला ब्लड प्रेशर का अचानक कम हो जाना और दूसरा प्लेटलेट्स तेजी से गिरना। इस स्थिति में ब्लीडिंग का खतरा भी बढ़ जाता है। कम गंभीर मामलों में मरीज को 5-6 दिन में अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है।
डेंगू हो जाने पर क्या करें-
अगर आपको डेंगू हो भी गया है तो खून में प्लेटलेट्स की नियमित रूप से जांच करवाएं। शरीर में पानी की बिल्कुल कमी ना होने दें और खूब सारी लिक्विड डाइट लें। इस समय नारियल पानी पीना सबसे अच्छा होता है। ये प्लेटलेट्स बढ़ाने का भी काम करता है। इसके अलावा गिलोय, पपीता, कीवी, अनार, चुकंदर और हरी सब्जियों को डाइट में शामिल करें। डॉक्टर के संपर्क में रहें और अपने प्लेटलेट्स की जानकारी उन्हें देते रहें। किसी भी तरह की दिक्कत होने या प्लेटलेट्स गिरने पर डॉक्टर आपको अस्पताल में भर्ती होने की भी सलाह दे सकते हैं।
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