भोपाल। प्रदेश में अगले साल होने वाले चुनाव से पहले सरकार के लिए पुरानी पेंशन मुद्दा फिर टेंशन बन गया है। पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कर्मचारी संगठन सक्रिय हो गए हैं। रविवार को खरगोन के महेश्वर में 25 संगठनों के करीब 20 हजार कर्मचारियों ने शक्ति प्रदर्शन किया। संगठनों ने रैली भी निकाली। कर्मचारियों ने एक स्वर में सरकार से पुरानी पेंशन जल्द बहाल करने की मांग की। कर्मचारियों ने कहा कि पुरानी पेंशन नहीं, तो वोट नहीं।
कर्मचारी संगठनों ने संकल्प लिया- ‘हमारा वोट पुरानी पेंशन देने वाले दल को जाएगा।Ó मप्र चिकित्सा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राकेश मालवीय ने कहा- यदि ये सरकार पुरानी पेंशन नहीं देना चाहती, तो आने वाले चुनाव में खामियाजा भुगतना पड़ेगा। कर्मचारियों ने कहा कि हमारा एक ही नारा है- वोट फॉर ओपीएस। कर्मचारियों ने हाथ उठाकर संकल्प लिया कि पुरानी पेंशन बहाली को जन आंदोलन बनाएंगे। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि सरकारी कर्मचारी पूरा जीवन जनता की सेवा में लगा देता है।
ऐसे में वृद्धावस्था में सरकार की ओर से मदद मिलनी चाहिए। सरकार को पुरानी पेंशन स्कीम लागू करना चाहिए। इसके अलावा, वर्तमान परिस्थितियों को देखकर पेंशन दी जाना चाहिए। साल 2005 के बाद जो नई पेंशन स्कीम लागू हुई है, उनकी नीतियों को लेकर प्रदेश सरकार खुद स्थिति स्पष्ट नहीं कर पा रही। सरकार पशोपेश में है। नेशनल मूवमेंट ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम मप्र के अध्यक्ष और महारैली के संयोजक परमानंद डेहरिया ने कहा कि मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक बुढ़ापे में सहारा देने वाली पुरानी पेंशन बहाली कराने की मांग को लेकर गुहार लगा चुके हैं, लेकिन सुन नहीं रहा है। अब याचना नहीं करेंगे, हम हक मांग रहे हैं। इसी तरह शक्ति प्रदर्शन कर सरकार को अहसास कराते रहेंगे।
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