कानपुर। कोरोना संक्रमण काल में स्कूल बंद होने के बाद भी स्कूल प्रबंधन बराबर फीस जमा करने का दबाव बना रहा है। इसको लेकर अभिभावकों में रोष है और सोमवार को अभिभावकों से जुड़े कई संगठनों के बैनर तले संयुक्त रुप से अभिभावक गंगा में अर्धनग्न होकर विरोध करने की योजना बनायी, लेकिन प्रशासन को पहले ही भनक लग गयी। सिटी मजिस्ट्रेट के सामने पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करते हुए मुकदमा दर्ज कर दिया। इस दौरान अभिभावक बराबर नारेबाजी कर रहे थे कि योगी बाबा रहम करो, स्कूल की फीस माफ करो। मामला जब तूल पकड़ा तो जिलाधिकारी ने खुद संगठन के पदाधिकारियों को बातचीत के लिए बुला लिया।
शिक्षा प्रणाली को सुधारने के लिए भले ही केंद्र सरकार की ओर से नई शिक्षा नीति लागू कर दी गई हो, लेकिन इसके बावजूद प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। इसी के चलते सोमवार को फलक चैरिटेबल एंड एजुकेशनल ट्रस्ट, उत्तर प्रदेश अभिभावक विचार मंच, पेशेंट हेल्थ केयर सोसाइटी, अखिल भारतीय पीड़ित अभिभावक संघ, अभिभावक अधिकार संघ उत्तर प्रदेश, दोस्त सेवा संस्थान, एकलव्य स्पोर्ट्स एकेडमी, द कानपुर पैरेंट्स एसोसिएशन एवं मायरा फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा संयुक्त रुप से अभिभावकों ने सरसैया घाट में गंगा पर अर्धनग्न होकर विरोध प्रदर्शन की योजना बनायी। अभिभावक तख्तियों में स्लोगन लिखे विरोध दर्ज कराते हुए जैसे ही सरसैया घाट पर पहुंचे तो सिटी मजिस्ट्रेट हिमांशु गुप्ता पुलिस बल लेकर जा धमके। सिटी मजिस्ट्रेट ने बातचीत करने का प्रयास किया तो अभिभावकों को रोष और बढ़ गया और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे।
इस पर सिटी मजिस्ट्रेट के निर्देश पर अभिभावकों को गिरफ्तार कर कोतवाली लाया गया और कोविड-19 के नियमों के उल्लघंन पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया। मामला जब तूल पकड़ा तो जिलाधिकारी डा. बीडीआर तिवारी ने मामले का संज्ञान लेकर अभिभावकों के पदाधिकारियों को बातचीत के लिए कलेक्ट्रेट बुला लिया। अभिभावक संघ के पदाधिकारी राकेश मिश्रा का कहना है कि जिलाधिकारी से बातचीत की जाएगी, अगर हमारी मांगों का हल नहीं निकलता तो आने वाले दिनों में आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में अभिभावकों की पहले से ही कमर टूट चुकी है और बिना स्कूल गये बच्चों से जबरदस्ती फीस वसूला जा रहा है।
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