नई दिल्ली । महंगाई और जीएसटी दरों में बढ़ोतरी को लेकर (Over Inflation and Hike in GST Rates) विपक्षी सांसदों (Opposition MPs) ने राज्यसभा में (In Rajya Sabha) विरोध प्रदर्शन (Demonstration) किया। सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित हुई।
देश में सोमवार (18 जुलाई, 2022) से रोजमर्रा की कई चीजों के दाम बढ़ चुके हैं। इसके पीछे की वजह चंडीगढ़ में हुई जीएसटी परिषद की 47 वीं बैठक में लिया गया फैसला है, जिसमें कई वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाली जीएसटी में बदलाव किया गया था।
नई दरों के लागू होने के साथ ही देश में आम आदमी की जेब पर महंगाई का बोझ पड़ेगा और यह आपके किचन के बजट को भी बिगाड़ सकता है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पैक्ड दही, लस्सी, छाछ, पनीर, आटा और चावल को सरकार ने 5 फीसदी जीएसटी फैसला किया है। यह पहली बार है जब देश में दही, लस्सी, छाछ और पनीर जैसी चीजों को जीएसटी के दायरे में लाया गया है।
बता दें, ऐसे सभी डेरी उत्पाद जिन्हें खुला ही बेका जाता है या फिर उसकी पैकिंग ग्राहक के सामने ही की जाती है। उसे अभी भी जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। इससे पहले केवल ब्रांडेड पैक्ड चावल पर ही जीएसटी लगता था, लेकिन नई दरें लागू होने के बाद सभी प्रकार के चावल (ब्रांडेड और अनब्रांडेड) और आटा (ब्रांडेड और अनब्रांडेड) पर जीएसटी लगेगा।
इन चीजों पर पहली बार लगेगा जीएसटी – दही, लस्सी, छाछ (5% जीएसटी), पनीर (5% जीएसटी), सभी प्रकार का गुड़ (5% जीएसटी), खांडसारी चीनी (5% जीएसटी), शहद (5% जीएसटी), चावल, राई, जौ, जई (5% जीएसटी), आटा (5% जीएसटी), नारियल पानी (12% जीएसटी), चावल का आटा (5% जीएसटी)
सरकार ने 5000 रुपए से अधिक के बिना आईसीयू वाले अस्पताल के कमरे पर 5 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला किया है। इसके साथ ही अब होटल में 1000 रुपए से कम का कमरा लेने पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा। इससे पहले दोनों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया था। एलईडी लाइट्स, एलईडी लैम्प्स, चाकू, ब्लेड, पेपर कैंची, चम्मच, कांटे वाले चम्मच, स्किमर्स, केक-सर्वर्स, मैप्सम चार्ट्स आदि की कीमतों में इजाफा हो सकता है, क्योंकि सरकार की ओर से इन सभी वस्तुओं पर जीएसटी की दर को 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया है। इसके साथ ही बैंक की ओर से चेकबुक जारी करने पर ली गई फीस पर भी अब 18 फीसदी जीएसटी लगेगा।
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