भोपाल (Bhopal)। भारतीय चुनाव व्यवस्था का अवलोकन और अध्ययन करने के लिये पांच मई को भोपाल आये फिलीपीन्स (Philippines) और श्रीलंका (Sri Lanka) के अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल (International delegations) ने बुधवार को निर्वाचन सदन भोपाल में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन (Chief Electoral Officer Anupam Rajan) से मुलाकात की। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल ने 5 से 7 मई तक निर्वाचन की प्रत्येक प्रक्रिया के अवलोकन के अनुभव साझा करते हुए बताया कि महात्मा गांधीजी के देश में लोकतंत्र यहां के लोगों के दिलों में जिंदा है।
भारतीय चुनाव को एक पर्व की तरह मनाते हैं। हमने ऐसा उत्सवपूर्ण चुनाव कभी नहीं देखा। लोकतंत्र की मजबूती के लिये यहां के हर मतदाता की आस्था और उसकी अभिव्यक्ति अभिभूत कर देने वाली है। हमने तीन दिनों में बहुत कुछ देखा, समझा और सीखा। इस आनंदपूर्ण चुनाव प्रणाली से हमें प्रेरणा मिली है। हम अपने देश में भारतीय निर्वाचन व्यवस्था की सभी अच्छी व्यवस्थाओं को लागू करने की अनुशंसा करेंगे।
श्रीलंका के प्रेसीडेंशियल कमीशन ऑफ इन्क्वायरी टू मेक रिकमंडेशन्स फॉर इलेक्शन लॉ रिफार्म्स के कमीशन मेंबर सुंथारम अरूमैनायाहम ने बताया कि मतदान के दिन हमने देखा कि निर्वाचन में नियुक्त हर व्यक्ति बखूबी अपना काम कर रहा था। कोई भी दूसरे के काम में दखल नहीं दे रहा था। मतदाता बड़े धैर्य के साथ अपनी बारी के इंतजार में खड़े थे। सभी मतदान केन्द्रों में मतदान की शानदार व्यवस्थाएं थीं।
श्रीलंका की कमीशन मेम्बर निमालका फर्नान्डो ने कहा कि भारत की निर्वाचन व्यवस्था अभिभूत कर देने वाली है। हम बेहद प्रभावित हैं और श्रीलंका में भी ऐसे ही चुनाव की व्यवस्था के लिये अनुशंसा करेंगे।
फिलीपीन्स के कमीशन ऑन इलेक्शन्स की डायरेक्टर सेलिया बी. रोमेरो ने कहा कि हमने मतदान सामग्री वितरण से लेकर मतदान पूरा होने तक की सभी प्रक्रियाओं को करीब से देखा। यह एक चकित कर देने वाला अनुभव था। ईवीएम में हर अभ्यर्थी का नाम, उसका दल, उसकी फोटो और उसके चुनाव चिन्ह का भी प्रदर्शन किया गया था। यहां मतदाता को अपनी पसंद के उम्मीदवार की पहचान करने और उसे चुनने का बेहद सरल और सहज माध्यम उपलब्ध कराया जाता है। यह एक अनुकरणीय व्यवस्था है।
कमीशन ऑन इलेक्शन्स की एसोसिएट कमिश्नर सोकोर्रो बी. इंटिंग ने कहा कि भारतीय निर्वाचन व्यवस्था एक समावेशी प्रक्रिया का पालन करते हुए मतदाताओं को उनकी सहभागिता के अवसर उपलब्ध कराती है। मतदाताओं को मतदान से जोड़ने की आपकी प्रणाली से हम अभिप्रेरित हैं। उन्होंने स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण निर्वाचन सम्पन्न कराने के लिये भारत निर्वाचन आयोग और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को बधाई दी।
श्रीलंका के प्रेसीडेंशियल कमीशन ऑफ इन्क्वायरी टू मेक रिकमंडेशन्स फॉर इलेक्शन लॉ रिफार्म्स के चेयरमैन जस्टिस वीवेज प्रियसथ गेरार्ड डेप ने कहा कि भारतीय निर्वाचन प्रणाली की एक अच्छी तस्वीर हमेशा के लिये हमारे दिलों में अंकित हो गयी है। ईवीएम से वोट प्रणाली से हम चकित हैं। आप कितनी खूबी से ईवीएम से चुनाव करा लेते हैं। यहां हर मतदाता के पास उसका अपना पहचान पत्र है। इससे किसी भी मतदाता को मतदान करने में कोई कठिनाई नहीं आती। हम ऐसी ही समन्वित चुनाव प्रणाली की अनुशंसा अपने देश के लिये करेंगे।
इंटरनेशनल डेलिगेशन के अन्य प्रतिनिधि फिलीपीन्स के कमीशन ऑन इलेक्शन्स की एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट लेसली एन सी. कॉनक्विला तथा श्रीलंका के प्रेसीडेंशियल कमीशन ऑफ इन्क्वायरी टू मेक रिकमंडेशन्स फॉर इलेक्शन लॉ रिफार्म्स के कमीशन मेम्बर अलीसंदारालेज सेनानायके, कमीशन मेंबर अहमद लेब्बे मोहम्मद सलीम, कमीशन मेंबर निमालका फर्नान्डो, कमीशन मेंबर विथारानागे दीपानी सामंथा रॉडरिगो, कमीशन मेंबर एलन करमाइकल वेरे तंबिनायागम डेविड सहित कमीशन सेकेट्री माधवा देवासुरेन्द्र भी इस अवसर पर मौजूद थे।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने इंटरनेशनल डेलिगेशन के सभी सदस्यों का शॉल-श्रीफल से सम्मान किया और स्मृति चिन्ह भेंट किया। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि आपका आतिथ्य हमें उत्साहित कर देने वाला अवसर है। उन्होंने डेलिगेशन को बताया कि 7 मई को हमने नौ लोकसभा संसदीय क्षेत्रों के शहरी, ग्रामीण और दूरस्थ सभी क्षेत्रों में शाम छह बजे तक एक साथ मतदान कराया। यह प्रक्रिया समावेशी प्रबंधन के साथ पूरी कराई गई। इसके लिये मानव संसाधन और लॉजिस्टिक्स की एक बड़ी व्यवस्था करनी होती है। उन्होंने डेलिगेशन को चार जून को होने वाली मतगणना प्रक्रिया के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजेश कौल, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मनोज खत्री, बसंत कुर्रे, तरूण राठी, विवेक श्रोतिय एवं उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी प्रमोद शुक्ला सहित निर्वाचन सदन के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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