उज्जैन। रामघाट स्थित मौलाना मौज की दरगाह पर गुंबद बनाकर उसे मस्जिद का स्वरूप देने का विरोध संत सम्मेलन में हुआ। संतों ने कहा कि यहाँ मजार को गुंबद बनाकर मस्जिद बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस पर रोक लगनी चाहिए। संतों ने हस्ताक्षर कर इसके विरुद्ध एक ज्ञापन मुख्यमंत्री और प्रदेश के गृह मंत्री के नाम सौंपा। चारधाम मंदिर प्रांगण में पाँच दिवसीय संत सम्मेलन चल रहा है जिसमें देशभर सन्त प्रतिदिन पहुँच रहे हैं। कल यहाँ सन्त डॉ अवधेशपुरीजी महाराज के नेतृत्व में मंच से सभी वरिष्ठ सन्तों के हस्ताक्षर वाला ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौंपा गया। ज्ञापन में लिखा है कि रामघाट पर हिन्दुओं का सबसे बड़ा सिंहस्थ मेला आयोजित होता है इसलिए भविष्य में किसी प्रकार के साम्प्रदायिक तनाव से बचने के लिए रामघाट स्थित मौलाना मौज की दरगाह को गुंबद बनाकर मस्जिद का स्वरूप देने के मामले में सरकार को गंभीर होना चाहिए।
ज्ञात है कि अभी इसी मजार के उर्स का कार्यक्रम रामघाट पर रखने पर हिन्दू संगठनों के विरोध करने पर संगठन के पदाधिकारियों पर ही प्रकरण बना दिया गया था। साथ ही कार्तिक मेला में हिन्दू युवक की विधर्मियों द्वारा सरेआम हत्या करने को लवजिहाद की पराकाष्ठा बताते हुए हिन्दुओं के धार्मिक मेलों में विधर्मियों के प्रवेश पर प्रतिबंध की माँग की गई। महामंडलेश्वर स्वामी शांतिस्वरूपानंदजी की मौजूदगी में आयोजित संत सम्मेलन में उपस्थित परमानंदजी महाराज, महानिर्वाणी अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी विशोकानंदजी महाराज, निर्मल अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी ज्ञानदेव सिंह महाराज, अटल अखाड़े के आचार्यमहामण्डलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंदजी, ज्ञानानंदजी, साध्वी ऋतम्भराजी, चिदम्बरानंदजी, अखिल भारतीय सन्त समित के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंदजी सहित कई सन्त उपस्थित थे।
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