मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) में समाजवादी पार्टी (SP) ने राज्य विधानसभा में एक प्राइवेट मेंबर बिल (Private Member Bill) दायर किया है, जिसमें ईशनिंदा के खिलाफ कड़ा कानून (Stringent law against blasphemy) बनाने की मांग की गई है। इस बिल में किसी भी धर्म के ईश्वर, ग्रंथ या महापुरुष के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है।
सपा विधायक रईस शेख की ओर से दायर इस बिल में मांग की गई है कि ईशनिंदा के दोषी को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) के तहत कड़ी सजा दी जाए। इसके अलावा दोषियों के खिलाफ 10 साल तक की सजा, 2 साल तक जमानत न मिलने और मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने का भी प्रावधान है।
सपा का कहना है कि भारतीय दंड संहिता में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और ईश्वर का अपमान करने के लिए जो कानून है, वह बहुत कमजोर है। मौजूदा कानून के तहत ईश्वर का अपमान करने वाले दोषियों को सजा मिलने में कई साल लग जाते हैं और इसके कारण भड़काऊ बयान देने वालों में कोई डर नहीं होता। रईस शेख ने यह भी आरोप लगाया कि महंत रामगिरी और नितेश राणे जैसे नेताओं पर कई मामले दर्ज हैं, लेकिन अब तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है।
रईस शेख ने इस बिल को विधानसभा के प्रधान सचिव को सौंपते हुए कहा, “इस बिल के माध्यम से महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था में सुधार होगा, क्योंकि सोशल मीडिया पर विभिन्न धर्मों के खिलाफ आपत्तिजनक कंटेंट फैलाए जा रहे हैं, जो राज्य की शांति को प्रभावित कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि इस बिल में न केवल मुस्लिम, बल्कि हिंदू देवी-देवताओं, धार्मिक महापुरुषों और राष्ट्रीय महापुरुषों के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved