इन्दौर।अभी कोरोना संक्रमण (corona infection)और लॉकडाउन (Lockdown) के कारण शासन ने 30 जून तक गत वर्ष की गाइडलाइन (Guideline) को ही यथावत रखा था। अब रियल इस्टेट से जुड़े कारोबारियों, ब्रोकरों और अभिभाषकों द्वारा यह मांग की जा रही है कि 30 जून के बाद भी गत वर्ष की गाइडलाइन (Guideline) को ही मान्य किया जाए, क्योंकि दो माह के लॉकडाउन (Lockdown) के चलते सभी तरह के कारोबार प्रभावित हुए हैं। लिहाजा नई गाइड लाइन इस साल लागू ना की जाए।
1 अप्रैल से अमूमन हर साल नई गाइडलाइन लागू कर दी जाती है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते गाइडलाइन तैयार तो कर ली गई, लेकिन उसे लागू नहीं किया जा सका। शासन ने दो बार गत वर्ष की गाइडलाइन को लागू करने की घोषणा की और अभी 30 जून तक गत वर्ष की गाइड लाइन के आधार पर ही अचल सम्पत्तियों की रजिस्ट्री की जा रही है। वरिष्ठ जिला पंजीयक बालकृष्ण मोरे के मुताबिक फिलहाल तो शासन का आदेश 30 जून तक के लिए ही लागू रहेगा। पिछले दिनों से रजिस्ट्रियां भी अच्छी संख्या में हो रही है और अभी तक 100 करोड़ रुपए का राजस्व मिल चुका है और उम्मीद है कि 30 जून तक 20 से 25 करोड़ रुपए और हासिल हो जाएंगे। दरअसल कई लोग 1 जुलाई से नई गाइड लाइन लागू होने और अधिक स्टाम्प ड्यूटी लगने के चलते रजिस्ट्रियां करवाएंगे। हालांकि पहले लॉकडाउन के बाद जब बाजार खुला तो रियल इस्टेट के कारोबार ने भी अच्छी गति पकड़ी और धड़ल्ले से रजिस्ट्रियां हुईं, जिसके चलते कोरोना काल में भी 1 हजार करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व अर्जित कर लिया। अब देखना है कि शासन 30 जून के बाद नई गाइड लाइन लागू करेगा या इसे ही यथावत रख सकता है।