वॉशिंगटन । अमेरिकी संसद (Merican Parliament) के निचले सदन में तमिल मूल के भारतीय सांसदों ने नया प्रस्ताव पेश किया है। भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति (Indian-American MP Raja Krishnamurthy) समेत 15 सांसदों ने प्रतिनिधि सभा से जनवरी को तमिल भाषा (Tamil language) और विरासत माह घोषित करने की मांग की है। तमिलों के प्रमुख त्योहार पोंगल की शुरुआत के साथ आए इस प्रस्ताव का कई तमिल विचारधारा वाले संगठनों ने स्वागत किया है।
भारतीय-अमेरिकी सांसद कृष्णमूर्ति ने कहा कि तमिल-अमेरिकी के रूप में मुझे अमेरिका और दुनियाभर में तमिल भाषा, विरासत और संस्कृति का सम्मान करने वाले इस प्रस्ताव को पेश करने पर मुझे गर्व है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में विभिन्न भाषाओं, संस्कृतियों, विचारों और परंपराओं का मिश्रण है। मुझे उम्मीद है कि यह प्रस्ताव साढ़े तीन लाख से अधिक तमिल-अमेरिकियों की समृद्ध और विशिष्ट संस्कृति के साथ-साथ उनकी अविश्वसनीय उपलब्धि पर प्रकाश डालेगा। उन्होंने अपने सहयोगियों को समुदायों पर तमिल अमेरिकियों के प्रभाव को मान्यता देने के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए जोर देने पर कहा।
प्रस्ताव का पांच अन्य भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना, अमी बेरा, श्री थानेदार, प्रमिला जयपाल और सुहास सुब्रमण्यम ने समर्थन किया है। इनके अलावा निकोल मैलियोटाकिस, इल्हान उमर, येवेट क्लार्क, सारा जैकब्स, डेब्रोआ रॉस, डैनी डेविस, दीना टाइटस, डॉन डेविस और समर ली ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया।
उत्तरी अमेरिका तमिल संगम संघ ने कहा कि हम तमिल अमेरिकियों के प्रतिनिधि कृष्णमूर्ति के प्रस्ताव का समर्थन करते हैं। तमिलों के पास इस देश में योगदान देने के लिए बहुत कुछ है। प्रस्ताव पारित होने के बाद हमें इतिहास, भाषा और संस्कृति को प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा।
अमेरिकी तमिल एक्शन ग्रुप ने भी कृष्णमूर्ति का धन्यवाद जताया। साथ ही प्रस्ताव को शीघ्र पारित करने की मांग की। ग्रुप ने कहा कि तमिल अमेरिकी हमारी समृद्ध और प्राचीन भाषा, परंपरा और संस्कृति को संजोकर रखते हैं। अमेरिका की जीवंत परंपराओं में योगदान देने के लिए हमारे पास काफी कुछ है। लंका में समानता और राहत के लिए काम करने वाले लोगों ने कहा कि प्रस्ताव में तमिल लोगों के इतिहास और सांस्कृतिक समृद्धि पर प्रकाश डाला गया है।
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