उज्जैन। 350 करोड़ रुपये की लागत से बने महाकाल लोक (Mahakal Lok) की टूटी मूर्तियों को लेकर कांग्रेस नेता केके मिश्रा (Congress leader KK Mishra) ने हाईकोर्ट में याचिका (petition in high court) लगाई। जिस पर सरकार ने आपति्त दर्ज कराई है और याचिका निरस्त करने की मांग की। 42 पेजों में दर्ज कराई आपति्त में सरकार ने कहा कि जनहित याचिका राजनीति से प्रेरित है। याचिकाकर्ता कांग्रेस के नेता हैं। उन्होंने प्रचार पाने के लिए जनहित याचिका लगाई है। मामले में अगली सुनवाई 21 जून को होगी।
30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवा के बाद महाकाल लोक में छह मूर्तियां गिरकर खंडित हो गई। इसकी जांच के लिए कमल नाथ ने एक कमेटी बनाई थी और उन्होंने लोक का दौरा किया था।कमेटी में शामिल केके मिश्रा ने वरिष्ठ अभिभाषक अजय बागडिया और विभोर खंडेलवाल के माध्यम से दायर की है।
याचिका में कहा गया है कि महाकाल लोक में मूर्तियों के निर्माण मेें घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया। अफसरों द्वारा इस बात की कभी जांच ही नहीं की गई कि निविदा की शर्तों के अनुसार मूर्तियां बनाई गई हैं या नहीं। महाकाल लोक में लगी प्रतितमाएं 30 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चली हवा में क्षतिग्रस्त हो गई।
याचिका में यह भी कहा है कि लोकार्पण के 8 महीने में ही महाकाल लोक की मूर्तियों का रंग फीका पड़ने लगा है। मूर्तियों में स्टील का स्ट्रक्चर होना था लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। वे भीतर से खोखली है इस कारण हवा का दबाव नहीं सह पाई। अब मूर्तियों में दरार आ रही है।महाकाल लोक में इस्तेमाल किए गए पत्थर गिर रहे हैं क्योंकि पत्थरों को जिस केमिकल से चिपकाया गया था वह कमजोर था। शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई में शासन ने 42 पेज की आपत्ति दर्ज कराई। इसमें याचिका को राजनीति से प्रेरित बताते हुए इसे निरस्त करने की मांग की गई है।
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