नई दिल्ली: आदिपुरुष फिल्म (Adipurusha Film) आज देशभर में रिलीज हो गई है. फिल्म की रिलीज के साथ ही इसका विरोध भी शुरू (protest started) हो गया है. हिन्दू सेना की तरफ से इस फिल्म का विरोध किया जा रहा है. उनका कहना है कि फिल्म में भगवान श्रीराम (lord shriram) का मजाक उड़ाया गया है. लिहाजा दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में जनहित याचिका (Public interest litigation) लगाकर फिल्म को बैन करने की मांग की गई है. हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता चाहते हैं कि हाई कोर्ट सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) को यह आदेश दें कि इस फिल्म को सर्टिफिकेट ना दिया जाए.
जनहित याचिका में कहा गया कि महार्षि वालमिकी और संत तुलसीदास द्वारा लिखी गई रामायण में भगवान श्रीराम को जिस तरह से दिखाया गया है यह फिल्म उससे मेल नहीं खाती है. लिहाजा इस फिल्म से धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. याचिका में कहा गया कि पेश मामले में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से भी संपर्क किया गया था लेकिन उन्होंने इसपर दिलचस्पी नहीं दिखाई. जिसके बाद उनके पास अदालत में जनहित याचिका लगाने के अलावा अन्य कोई रास्ता नहीं बचा था.
याचिका में कहा गया कि फिल्म में रावण की भूमिका निभा रहे सैफ अली खान और हनुमान का चरित्र भी भारतीय सभ्यता से मेल खाता नहीं दिखता है. रावण एक ब्राह्मण थे. जिस तरह से दाढ़ी वाला भयंकर लुक रावण को दिया गया है वो भावनाओं को चोट पहुंचाने वाला है. रामायण की असल कहानी से ये जरा भी मेल नहीं खाता है.
आदिपुरुष को लेकर अबतक सामने आए रिव्यू में लोगों का कहना है कि फिल्म में कई जगह ऐसी भाषा का प्रयोग किया गया है जो सच में ही भगवान श्रीराम और रामायण के वक्त पर त्रेता युग में इस्तेमाल होने वाली भाषा से मेल नहीं खाती है. एक जगह फिल्म में डायलॉग का इस्तेमाल किया गया है, ‘तेरी जली ना?’ इसी तरह एक अन्य जगह लाइन का इस्तेमाल हुआ है ‘तेल तेरे बाप का आग तेरे बाप की…’. यही वजह है कि करीब 500 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म के शुरुआती रिव्यू अच्छे नहीं रहे हैं.
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