डेस्क: नागालैंड (Nagaland) में हुई गोलीबारी की घटना (Firing in Nagaland) को लेकर सोमवार को राज्य की कैबिनेट ने बैठक की. इस बैठक में ‘सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम’ (AFSPA) को हटाने को लेकर सहमति बनी है. कैबिनेट ने इस मुद्दे पर भारत सरकार (Indian Government) को पत्र लिखने का फैसला किया है.
पूर्वोत्तर राज्य नागालैंड के मोन जिले में सेना के जवानों द्वारा की ‘गलती’ से की गई गोलीबारी की दो घटनाओं में 14 लोगों की मौत हो गई थी. इस गोलीबारी को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार की आलोचना की थी. इसके अलावा, विपक्ष के नेताओं ने भी घटना की निंदा की है.
राज्य सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ इंफोर्मेशन एंड पब्लिक रिलेशन द्वारा जारी एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया गया कि मोन जिले में हुई गोलीबारी और उसके बाद हुई घटनाओं को लेकर एक आपातकालीन कैबिनेट बैठक बुलाई गई थी. कैबिनेट को सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताया गया, जिसमें एक आईजीपी और चार अन्य सदस्यों के नेतृत्व में स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन शामिल रहा.
कैबिनेट ने फैसला किया कि एसआईटी को अपनी जांच जल्द से जल्द पूरी करे और एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट को सब्मिट करे. ब्रीफिंग में बताया गया कि कैबिनेट ने ये निर्णय लिया है कि राज्य से AFSPA, 1958 को तत्काल निरस्त करने के लिए भारत सरकार को पत्र लिखा जाए.
नागालैंड के मुख्यमंत्री ने भी कही थी AFSPA हटाने की बात
नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो सोमवार को सुरक्षा बलों की गोलीबारी में मारे गए 14 लोगों के अंतिम संस्कार में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने AFSPA को निरस्त करने की मांग की. रियो ने कहा, ‘AFSPA सेना को बिना किसी गिरफ्तारी वारंट के नागरिकों को गिरफ्तार करने, आवासों पर छापा मारने और लोगों को मारने का अधिकार देता है, लेकिन सुरक्षा बलों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है.’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘उन्होंने (सेना) कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा कर दी है.’ गोलीबारी में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए रियो ने कहा, ‘उनके बलिदान को भुलाया नहीं जाएगा. इसमें हम साथ हैं. हम लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं.’ मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि सुरक्षा बलों ने आम नागरिकों की पहचान के लिए उन्हें रोके बिना सीधे उन पर गोलियां चलाईं, इसलिए घटना में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की जाएगी. रियो ने कहा, ‘उन्होंने (खनिकों ने) भारत के लिए नहीं बल्कि नागाओं के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है.’
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