नई दिल्ली: ईरान के इजराइल पर हमला करने के बाद से दुनियाभर के कई देश इजराइल के समर्थन में खड़े हैं. विदेशी रिपोर्ट्स के अनुसार ईरान ने लगभग 300 ड्रोन और मिसाइल अटैक किए. 99 प्रतिशत हमले को विफल कर दिया गया था. हवाई हमले को नाकाम करने के लिए अमेरिका और ब्रिटेन ने इजराइल का खुला समर्थन किया है. अब ब्रिटेन के 54 सांसदों ने प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को चिट्ठी लिखकर IRGC को आतंकी संगठन घोषित करने की मांग की है.
ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने कहा था कि इजराइल पर हमला विशिष्ट लक्ष्यों को निशाना बनाकर किया गया था. आईआरजीसी ईरान की सबसे प्रमुख सैन्य इकाई है. बता दें कि इजराइल पर ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने ही मिसाइलों और ड्रोन से हमला किया था.
क्या है IRCG ?
माना जाता है कि IRCG ईरान की पारंपरिक सेना से अलग ईरानी सशस्त्र बलों की एक शाखा है. IRGC का उद्देश्य आंतरिक और बाहरी खतरों के खिलाफ ईरान के इस्लामी गणराज्य की रक्षा करना है. बता दें कि पिछले कुछ सालों में IRGC ने ईरान की विदेश नीति को दिशा देने में एक बड़ी भूमिका हासिल की है. साल 2019 में अमेरिकी राष्ट्रपति ने IRGC को एक आतंकी संगठन घोषित किया था. अब ब्रिटेन ने इसे आतंकी संगठन घोषित करने की मांग रखी है.
कब हुई थी स्थापना ?
इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स की स्थापना 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद हुई थी. RGC की ताकत की बात करें तो यह मध्य पूर्व में सबसे शक्तिशाली अर्धसैनिक संगठनों में से एक माना जाता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक IRGC के पास सेना, नौसेना और एयरफोर्स, तीनों को मिलाकर तकरीबन 1,90,000 कर्मी हैं. माना जाता है कि इजराइल ईरान का सबसे कट्टर विरोधी है. प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को लिखी गई चिट्ठी का उन्होंने अभी तक जवाब नहीं दिया है. यह मध्य पूर्व में सबसे शक्तिशाली अर्धसैनिक संगठनों में से एक माना जाता है.
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