भोपाल । राजस्थान के बाद मध्य प्रदेश में पुरानी पेंशन व्यवस्था फिर से लागू करने के लिए कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारियों की इस मांग ने सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस भी कर्मचारियों के समर्थन में मैदान में कूद गई है। पेंशन की मांग को लेकर कर्मचारी राजधानी भोपाल में 13 मार्च को बड़ा प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं।
उनकी मांग है कि 1 जनवरी 2005 या इसके बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम लागू हो। रिटायरमेंट के बाद कई कर्मचारियों को हर महीने 800 से 1500 रुपए ही पेंशन के रूप में मिल रहे हैं। जिससे की घर खर्च भी ठीक से नहीं चलता है। मध्य प्रदेश में 1 जनवरी 2005 के बाद विभिन्न विभागों में नियुक्त होने वाले कर्मचारियों के लिए सरकार ने पुरानी पेंशन व्यवस्था बंद कर दी थी। इसकी जगह नई पेंशन स्कीम लागू की गई थी। इसी स्कीम का कर्मचारी विरोध कर रहे हैं।
नई पेंशन नीति है क्या ?
1 जनवरी 2005 के बाद भर्ती अधिकारी-कर्मचारियों के लिए अंशदायी पेंशन योजना लागू है। इसके तहत कर्मचारी 10% और इतनी ही राशि सरकार मिलाती है। संघ के अनुसार, इस राशि को शेयर मार्केट में लगाया जाता है। इसके चलते कर्मचारियों का भविष्य शेयर मार्केट के ऊपर निर्भर हो गया है। रिटायरमेंट होने पर 60% राशि कर्मचारी को नकद और शेष 40% राशि की ब्याज से प्राप्त राशि पेंशन के रूप में कर्मचारी को दी जाती है।
भोपाल में जुटेंगे प्रदेश के कर्मचारी
कर्मचारियों का कहना है कि पुरानी पेंशन लागू करने के लिए प्रदेशभर में कई बार धरना प्रदर्शन किए जा चुके हैं, लेकिन सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया। मजबूरी में हमें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है।
राजस्थान ने लागू की, इसलिए कांग्रेस भी कूदी
कुछ दिन पहले राजस्थान की का्ंग्रेस सरकार ने पुरानी पेंशन बहाल की है। इसके बाद मध्यप्रदेश में भी यह मांग उठने लगी है, कर्मचारियों के साथ कांग्रेसियों ने भी मोर्चा संभाल लिया है। पूर्व CM कमलनाथ, पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह समेत कई नेताओं ने ट्वीट करके पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग उठाई है।
कर्मचारियों के हित में 1 जून 2005 के पहले की पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू किया जाये।
नई पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को काफी कम पेंशन की राशि मिल रही है , जिससे उनको जीवन यापन में काफ़ी मुश्किल आ रही है।
कांग्रेस कर्मचारियों के साथ है और वो उनके हित के लिये हर लड़ाई लड़ेगी।— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) February 25, 2022
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