ढाका (Dhaka) । बांग्लादेश (Bangladesh) में सरकारी नौकरियों (Government Jobs) में आरक्षण (Reservation) के प्रावधान में सुधार की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों (Students) ने सुरक्षा बलों (Security Forces) की कार्रवाई के जवाब में बृहस्पतिवार को देशव्यापी बंद का आह्वान किया है। देशभर में छात्रों के इन प्रदर्शनों में सुरक्षा बलों की कार्रवाई में चार छात्रों सहित कम से कम छह लोगों की मौत हो चुकी है। आंदोलन के एक प्रमुख समन्वयक आसिफ महमूद ने सोशल मीडिया मंच ‘फेसबुक’ पर पोस्ट में कहा कि बृहस्पतिवार को अस्पताल और आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी प्रतिष्ठान बंद रहेंगे और केवल एम्बुलेंस सेवाओं को ही संचालित करने की अनुमति होगी।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बुधवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में लोगों के मारे जाने पर गहरा खेद जताया और कहा कि इस मामले में एक न्यायिक जांच समिति गठित की जाएगी। हसीना ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि वे देश की सर्वोच्च अदालत पर भरोसा बनाए रखें क्योंकि यह मुद्दा उसके पास लंबित है। उन्होंने एक अनिर्धारित राष्ट्रव्यापी संबोधन में कहा, ‘मुझे विश्वास है कि हमारे छात्रों को न्याय मिलेगा (सर्वोच्च न्यायालय में)। वे निराश नहीं होंगे।’
हत्याओं की होगी जांच
ये प्रदर्शन मंगलवार को देश भर के प्रमुख शहरों में हुए और बुधवार को भी जारी रहे। हसीना का संबोधन विरोध प्रदर्शनों में छह लोगों की मौत के एक दिन बाद दिया गया। उन्होंने हत्याओं की न्यायिक जांच की घोषणा की और कहा, ‘मैं हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों की हर संभव सहायता करूंगी।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं स्पष्ट रूप से घोषणा करती हूं कि यह सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई की जाएगी कि हत्या, लूटपाट और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने वालों को उचित सजा मिले। चाहे वे कोई भी हों।’
यूनिवर्सिटी कॉलेज हुए बंद
हालांकि, हसीना ने हिंसा भड़काने के लिए कुछ निहित स्वार्थी तत्वों को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि प्रदर्शनकारी छात्र आतंकवादी कृत्यों में शामिल नहीं थे। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे उपद्रवियों को स्थिति का फायदा उठाने का मौका न दें। हिंसा के कारण सरकार ने मंगलवार देर रात बांग्लादेश में सभी सार्वजनिक और निजी विश्वविद्यालयों के साथ-साथ स्कूलों और कॉलेजों को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया तथा आवासीय छात्रों से छात्रावास छोड़ने को कहा।
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