नई दिल्ली । राज्यसभा (Rajya Sabha) में वरिष्ठ नेताओं (Senior Leaders) ने मंगलवार को देश में स्थानीय निकाय चुनावों (Local Bodies Elections) में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण (OBC Reservation) प्रदान करने के लिए (To Provide) जाति जनगणना के आंकड़े (Caste Census Data) जारी करने की मांग की (Demand)।
इस मुद्दे को उठाते हुए भाजपा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि ज्यादातर राज्यों में ओबीसी कैटेगरी की लिस्ट है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में आरक्षण देने के लिए ओबीसी के लिए एक आयोग का गठन करने को कहा है। मोदी ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने नौकरियों और प्रवेश में इस श्रेणी को आरक्षण प्रदान करने के लिए मौजूदा ओबीसी सूची की अनुमति दी है, लेकिन स्थानीय निकाय चुनावों के लिए राज्यों को एक नई सूची बनाने के लिए एक अलग आयोग का गठन करने की आवश्यकता है। यही वजह है कि बिहार और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में स्थानीय निकायों के चुनाव नहीं हो रहे हैं।
डीएमके सदस्य पी. विल्सन ने भी स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण के इस मुद्दे को उठाया, जो यह दर्शाता है कि इस पर एक संवैधानिक गतिरोध है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से या तो जाति जनगणना के आंकड़े जारी करके या अनुच्छेद 243 (डी) (6) और 243 (टी) (6) में संशोधन करके संवैधानिक गतिरोध को तोड़ने और हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया, जो स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण को अनिवार्य करता है। विल्सन ने यह भी बताया कि प्रस्तावित सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना अभी तक नहीं की गई है।
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