नई दिल्ली (New Delhi)। सबसे ज्यादा शराब की खपत (alcohol consumption)वाले राज्यों में से एक गोवा (Goa)में इसे बंद किए जाने की मांग उठ रही है। मंगलवार को ही गोवा विधानसभा (goa assembly)में भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party)के विधायक (Legislator)ने यह मांग रख दी है। खबर है कि विधायक की तरफ से ऐसी मांग रखे जाने के बाद ही विधानसभा में ठहाके लगना शुरू हो गए। खास बात है कि पर्यटन के लिए मशहूर गोवा में हर साल बड़ी संख्या में सैलानी पहुंचते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भाजपा के मायेम विधायक प्रमेंद्र शेट ने मंगलवार को गोवा में शराबबंदी की मांग की है। उन्होंने कहा कि इससे बड़े स्तर पर शराब पीने पर रोक लगाने में मदद मिल सकेगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि शराब के चलते ही गोवा में बड़ी संख्या में सड़क और औद्योगिक हादसे होते हैं। हालांकि, उन्होंने शराब उत्पादन जारी रखने की बात कही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘गोवा को विकसित गोअम बनाने के लिए हमे जीरो एल्कोहल कंजम्पशन का लक्ष्य रखना होगा।’ उन्होंने गोवा को शराब बंदी वाले राज्यों की सूची में शामिल किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘अगर हम शराब की खपत को 50 फीसदी भी कम कर लेते हैं, तो ये अच्छा होगा।’ भाजपा विधायक ने कहा कि राज्य में शराब का उत्पादन जारी रहना चाहिए, लेकिन अन्य राज्यों में उसकी सप्लाई होनी चाहिए।
स्कूलों और मंदिरों के पास शराब की दुकानों का मामला
गोवा में 269 शराब की दुकानों के शैक्षणिक संस्थानों और पूजा स्थलों के पास होने के चलते विवाद खड़ा हो गया है। खास बात है कि इन दुकानों को बीते कई सालों के दौरान सरकार की तरफ से अनुमति मिली है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इनमें से सबसे ज्यादा 63 दुकाने तटीय पेरनेम में हैं। इसके बाद दूसरे स्थान पर पोंडा में 61 दुकानें हैं।
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